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घरघोड़ा शहर में धड़ल्ले से चल रहा कबाड़ का अवैध कारोबार,प्रशासन की सह पर कबाडिय़ों के हैसले बुलंद,जनता त्रस्त

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जोहार छत्तीसगढ़-रायगढ़।
लाखों रूपए का अवैध धंधा प्रशासन के सह पर नाक के नीचे खुब फ ल-फू ल रहा है। पुरा शहर जानता है कबाड़ चोर कौन है। लाखों का कबाड़ कहां डंपिंग किया जाता है फि र पुलिस अनभिज्ञ हो यह सहज स्वीकार नहीं किया जा सकता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार घरघोड़ा में सबसे बड़ा अवैध कबाडिय़ों की लिस्ट में नवापारा निवासी खान का नाम आता है जो वहीं प्रेमनगर में कबाड़ का अवैध माल नपाता है व खुलेआम ट्रकों में लोड कर स्क्रेप के रूप में कंपनी भेज रहा है। प्रशासन के पास जानकारी होने के बाद भी किसका संरक्षण मिला हुआ है जो अवैध कबाड़ का कारोबार धड़ल्ले से अनवरत जारी है। जबकि इसकी शिकायत एसडीएम, तहसीलदार व थाना प्रभारी घरघोड़ा को अनेक बार किया गया है।
शहर के अंदर लगातार मोटरसाइकिल की चोरी लोह संग्रहण जैसे आवश्यक वस्तुओं को चोरी कर कबाडिय़ों के पास पहुंचाया जा रहा है। खबर तो यह भी है चोरी के चार पहिया वाहन, मोटर साइकिल, साइकिल तक को रातों रात काट कर कबाड़ बना दिया जा रहा है। फि र भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। आमजन में कोतुहल का विषय बना हुआ है बिनालाइसेंस और प्रशासन की अनुमति के बिना भी होता है लाखों का कारोबार,आम आदमी का कहना है इस कारोबार में किसी का नहीं है नियंत्रण धड़ल्ले से फल-फूल रहा है अवैध कारोबार, शहर के आसपास गांव हो या रेल कारिडोर के चारों तरफ बिछा रेलवे लाइन की तारें, पटरी में उपयोग होने वाले नट बोल्ट तक की चोरी में कबाड़ी छोटे बच्चों को धंधे में लगा कर धकेल रहे अपराध की दुनिया में। रायगढ़ जिला में कबाड़ से पेपनाह अवैध कमाई होती है यह सब जग जाहिर है। कबाड़ी के नाम से मशहूर मुन्ना हो या हेलाल सबकी कार्यप्रणाली जानते हुए भी ये कानून से आंख मिचौली करते हैं। शहर के अंदर मुन्ना के रूप में हेलाल का जन्म हो रहा है जो अपने अवैध रूप से कमाए पैसों से आदिवासी भूमि पर मकान दुकान भी खड़ा कर लिया है। अवैध पैसों के दम पर पुलिस के साथ सांठ-गांठ कर अवैध कारोबार का सम्राज्य खड़ा करना चाहता है। जबकि ये उन अपराधियों में आता हैं जिनकी जरूरत समाज में कतिय नहीं है। इनके कारनामों से लोग सिर्फ दहशत में रहते हैं कहीं उनके घर के सामने से आज क्या चोरी हो जाए ये किसी भी हद तक जाकर कार हो या लाखों का छड़ अन्य लोहा तांबा सिल्वर की सामान कभी भी गायब हो सकती है यह चिंता बनी रहती है।
जानकारी है कि हेलाल भाजपा नेता है और अपने समाज का पदाधिकारी है जिसके पिछे अपने कूकृत्य को छूपाने की कोशिश करता है, अनेक बार कार्यवाही होती है जेल जाते हैं पर सजा नहीं होती है, बेल पर बाहर आकर वहीं सब खेल चालू हो जाता है। कानून का गजब मजाक बनाया जाता है निचे बैठे संत्री से मंत्री तक यह जिता जागता उदाहरण है। आपको जानकर हैरानी होगी इस व्यवसाय को करने के लिए, ना तो किसी को लाइसेंस की जरूरत होती है और ना ही किसी की अनुमति की आवश्यकता होती है। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए सिर्फ एक स्टाक रजिस्टर की जरूरत होती है। स्टॉक रजिस्टर में खरीद-बिक्री किए गए समान को दर्ज कर इस व्यवसाय को आसानी से किया जा सकता है। इस व्यवसाय में पुलिस और प्रशासन का कोई रोकटोक नहीं होता है। मजेदार बात यह कि क्षेत्र में बाहर से आये कबाडिय़ों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है जिससे पुलिस प्रशासन आंख मुदें हुए हैं। जो बेरोकटोक बेखौफ कारोबार कर रहे हैं। इन पर किसी का नियंत्रण नहीं होने कबाड़ी बिना सत्यापन के साइकिल, मोटरसाइकिल एवं अन्य चोरियों के समाना को बेधड़क खरीद रहे हैं। इस व्यवसाय में राज्य के बाहर से आए लोग सक्रिय हैं। उनके द्वारा ही क्षेत्र में इस व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। आलम यह है कि पुलिस कबाडिय़ों पर नकेल नहीं कस पा रही है। कभी कभार ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर औपचारिकता पूरी की जाती है। क्षेत्र में अक्सर सोलर प्लेट, साइकिल बाइक चोरी की घटनाएं होती रहती हैं। दिन-दहाड़े सार्वजनिक स्थानों से साइकिल और बाइक चोरी हो रहीं हैं। साइकिल चोरी होने पर अमूमन लोग थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते, क्योंकि पुलिस इसे छोटा मामला बताकर ध्यान नहीं देती। बाइक और साइकिल चोरी की रिपोर्ट तो लिखी जाती है, लेकिन अक्सर ये वापस नहीं मिलते। इसका कारण यह है कि चोरी की साइकिल और बाइक के कलपुर्जे को अलग-अलग कर कबाड़ में बेच दिया जाता है। इसके अलावा इस धंधे में लोहे के सामान घरेलू उपयोग के सामान सहित कई कीमती समान पानी के मोल कबाड़ी अपने दलालों के माध्यम से खरीद कर लाखों करोड़ोंं कमाते है।

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