जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
वन मण्डल धरमजयगढ़ क्षेत्र हाथियों का गढ़ बन गया है। विगत कई वर्षों से हाथियों ने इस क्षेत्र में स्थायी डेरा जमा लिया है। लगता है इस क्षेत्र का भौगोलिक स्थिति हाथियों के लिए अनुकूल है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार वन मंडल धरमजयगढ़ क्षेत्र में 2 जून को 59 हाथी हैं। जो अलग-अलग परिक्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। छाल परिक्षेत्र में 31 हाथी हैं। जिसमें से 14 हाथी पुरूंगा बीट में हैं। जो झूंड में विचरण कर रहे हैं। वहीं कापू परिक्षेत्र में 15 हाथी हैं। वन परिक्षेत्र बाकारुमा में 10 हाथी एवं धरमजयगढ़ परिक्षेत्र में 5 हाथी विचरण कर रहे हैं। इनकी संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। हाथियों का झूंड जंगल से बाहर निकल कर फ सलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वन विभाग अपने कर्मचारियों के माध्यम से हाथी प्रभावित क्षेत्रों में लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रहा है।