जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
सफ लता की कहानी, सौर सुजला से आगे बढ़ते किसान, बिजली की परेशानी से मिला निजात। ये कहानी है धरमजयगढ़ विकासखंड के पेलमा गांव की जो की सुदूर जंगलों में बसा है। जहां से कोरजा नाला बहती है। यहां के किसान इस नाले से सिंचाई के साथ अन्य जलापूर्ति करते हैं। यहां के किसान सुरेश राठिया जो की तीन किलोमीटर की दूरी से बिजली की व्यवस्था कर सिंचाई कर खेती कर रहा था। कभी बिजली की कटौती कभी वोल्टेज की कमी कभी तार की चोरी से परेशान था। जैसे-तैसे सिंचाई कर खेती करता था। जिससे ज्यादा उत्पादन भी नही होता था।इसी बीच छत्तीसगढ सरकार की सौर सुजला योजना का लाभ इस किसान को मिला। आज सौर सुजला के पंप के उपयोग से खेती कर धान के साथ ही साथ सब्जी उत्पादन कर रहा है। किसान को बिजली की परेशानी से मुक्ति मिली जिससे ये हर साल उत्पादन का रकबा बढ़ा रहे है। इनके लडक़े से बात करने पर बताया कि बिजली से सिंचाई करने पर बहुत परेशानी होती थी। कई बार गांवों में कई दिन लाइट नही रहता था जिससे फ सल और मेहनत दोनों बर्बाद होते थे। इस पंप से आज 5 से 6 एकड़ में धान की खेती कर हर साल सोसायटी में उचित मूल्य के साथ धान की बिक्री कर रहे है। सौर पंप से खेती करने में आसानी है जल्दी खराब भी नही होता है। ज्ञात हो कि जिले मे तीन हजार से ज्यादा सौर पंप लगे है जिनसे खेती कर ये किसान उत्पादन का रकबा बढ़ा रहे है। छत्तीसगढ़ सरकार क्रेडा के माध्यम से इन किसानों के पंप के रखरखाव को नियमित रूप से कर रही है जिससे इन किसानों को खेती करने में परेशानी न हो।