जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
नगरीय निकाय आम चुनाव दो वर्ष पूर्ण हो गया। अब उठापटक का दौर शुरू हो जाएगा। जहां-जहां के अंक गणित उलट पुलट है वहां वहां सरकार गिराने की तैयारी शुरू हो गई है। आज नगर पंचायत धरमजयगढ़ के अध्यक्ष को गिराने नौ पार्षदों ने हस्ताक्षर कर आवेदन किया है। बता दें कि नगर पंचायत धरमजयगढ़ में भाजपा का बहुमत होते हुए भी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष है। वहीं उपाध्यक्ष पद पर भाजपा काबिज है। नगर पंचायत अध्यक्ष का पद पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित है। कुल पन्द्रह वार्डों में एक मात्र पिछड़ा वर्ग महिला वार्ड क्रमांक 10 से तरूण श्याम साहू ने जीत हासिल की थी। जो अध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुई थी। भाजपा ने 4 वार्डों में पिछड़ा वर्ग महिला को उतारा था लेकिन सभी प्रत्याशी हार गए थे। इसलिए भाजपा के पास अध्यक्ष के लिए कोई प्रत्याशी नहीं था। जो विपक्ष में बैठी भाजपा को मंजूर नहीं हो रहा था, और समय का इंतजार कर रहे थे। लेकिन इसके लिए निर्वाचन को दो साल पूर्ण होना चाहिए था। जो अब पूरा हो गया और नौ पार्षदों ने हस्ताक्षर कर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धरमजयगढ़ को आवेदन देकर नगर पंचायत अध्यक्ष को हटाने अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है। लेकिन भाजपा के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष तरूण श्याम साहू को गिराना आसान नहीं होगा। धरमजयगढ़ भाजपा को सिर्फ निराशा ही हाथ लेगेगा? साफ शब्दों में बताया जाये तो तरूण श्याम साहू की अध्यक्ष की कुर्सी सुरक्षित है। अब जानते हैं अध्यक्ष को गिराने के लिए क्या बैठता अंक गणित? आवेदन में हस्ताक्षर किए नौ पार्षदों में 7 भाजपा के 1 निर्दलीय पार्षद जो भाजपा में शामिल हो गया है वहीं 1 कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीतने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। नगर पंचायत अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाकर गिराने के लिए 12 पार्षदों की बहुमत चाहिए। जबकि कांग्रेस के पास 6 पार्षद हैं। जिसमें से एक पार्षद ने पहले ही पार्टी से इस्तीफ ा दिया था और अभी अविश्वास प्रस्ताव के लिए दिए आवेदन में हस्ताक्षर कर सहमति जताई है। वहीं भाजपा के पास 8 पार्षद हैं, जिसमें एक निर्दलीय पार्षद भी शामिल है, जो चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गया था। वहीं वार्ड क्रमांक एक के निर्दलीय पार्षद हैं। आंकड़ों से स्पष्ट है कि भाजपा पार्षद आवेदन देकर अपने मन को तसल्ली दे रहे हैं। क्योंकि की राज्य में कांग्रेस की सरकार है वहीं स्थानीय विधायक भी कांग्रेस पार्टी से ही है। जिस कारण कांग्रेस पार्षदों को तोडऩे की कोशिश कर रही भाजपा को सिर्फ निराशा ही हाथ लगेगी। यदि भाजपा गिराने में कामयाब हो गई तो यह कांग्रेस विधायक के नेतृत्व पर सवाल खड़ा हो जाएगा। जनचर्चा है कि कुछ कांग्रेसी पार्षद भाजपा का समर्थन करेंगे, लेकिन यह सिर्फ चर्चा तक ही सही लग रहा है। क्योंकि की कांग्रेस के पास पर्याप्त अंक गणित है। कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष जिनके नेतृत्व में पार्टी मजबूत हो रही है। उनके नेतृत्व को भी आंच लगेगा।