भोपाल। प्रदेश के उमरिया जिले में हितग्राही कृषकों को सामग्री वितरित करने के नाम पर बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हुए इस घोटाले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने प्रकरण दर्ज किया है। योजना में एक ही व्यक्ति के नाम से 60 फर्जी प्रकरण बनाकर घोटाला किया गया है। योजना के तहत 29 हितग्राहियों को सुविधा का लाभ मिलना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। किसानों से जुड़ा मामला होने के कारण ईओडब्ल्यू मुख्यालय से इस मामले पर नजर रखी जा रही है। मामला उमरिया जिले के मानपुर ब्लाक का है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घोटाला वर्ष 2017-18 में किसानों के लिए ड्रिप सिंचाई संयंत्र की स्थापना में किया गया।जांच में पाया गया कि उद्यानिकी विभाग उमरिया में पदस्थ रहे तत्कालीन प्रभारी सहायक संचालक रामबहादुर पटेल ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों और देवास के सप्लायर (विक्रेता) त्यागी इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर 60 फर्जी प्रकरण तैयार किए। इसमें बताया गया कि 29 हितग्राहियों को साढ़े पैंतीस लाख से अधिक की सुविधा प्रदान की गई। यह राशि आरोपितों ने अपने पास रख ली।यह भी पता चला कि इस योजना में एक किसान को कम से कम सात वर्ष की अवधि में एक बार ही लाभ दिया जाना था, लेकिन आरोपितों ने एक ही वित्तीय वर्ष में 29 लोगों के नाम पर कई बार ड्रिप सामग्री देने का प्रकरण तैयार कर लिया। जिन किसानों के नाम पर सामग्री आवंटित होना बताया गया था, उन्होंने कहा कि उन्हें एक बार ही ड्रिप सिंचाई सामग्री प्राप्त हुई है। कुछ किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि एक बार में मिली सामग्री भी पूरी नहीं थी। इस मामले के राजफाश के बाद उमरिया जिले के अन्य विकासखंडों में किसानों को ड्रिप सिंचाई संयंत्र प्रदान करने के संबंध में जांच कराई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि अन्य मामलों की जांच में भी बड़े पैमाने पर घोटाले सामने आने के साक्ष्य मिले हैं। ईओडब्ल्यू मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मामले में रामबहादुर पटेल और देवास के सप्लायर सहित अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।