भोपाल । अल्प वर्षा के शिकार प्रदेश के कई जिलों में अभी भी बरसात होने की उम्मीद बंधी है। इसकी वजह है प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में मानसून का पुन: मेहरबान होना। मौसम विभाग के अनुसार मप्र के करीब दस जिलों में भारी बरसात हो सकती है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम से मध्य प्रदेश को पर्याप्त नमी मिल रही है। इसके अलावा मानसून ट्रफ भी सीधी से होकर गुजर रहा है। इससे प्रदेश के कई जिलों में बौछारें पड़ रही हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक आज से बारिश की गतिविधियों में और तेजी आने लगेगी। पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के भोपाल संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर बौछारें पड़ीं। इसके अलावा जबलपुर, उज्जैन एवं ग्वालियर संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर, शहडोल, सागर, होशंगाबाद, इंदौर एवं चंबल संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर एवं रीवा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश हुई।बारिश का यह सिलसिला अगले दो-तीन दिन तक यूं ही जारी रह सकता है। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों में विदिशा, खरगोन, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास एवं सागर जिलों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए यलो अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा जबलपुर, भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर एवं उज्जैन संभागों के जिलों में तथा सागर एवं दमोह जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। आज यह कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो सकता है। मानसून ट्रफ अनूपगढ़, हिसार, दिल्ली, हरदोई, सीधी, कोरबा, बालागीर और कलिंगपट्टनम से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। राजस्थान और उससे लगे पंजाब पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। कच्छ और मराठवाड़ा में भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बने हुए हैं। इन पांच वेदर सिस्टम के सक्रिय रहने के कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आ रही है। शुक्ला ने बताया कि आज बारिश की गतिविधियों में तेजी आने लगेगी। कम दबाव के क्षेत्र के आगे बढ़ने से नौ सितंबर से राजधानी सहित पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है।