Home छत्तीसगढ़ एसईसीएल मुख्यालय में भूविस्थापितों की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ बैठक

एसईसीएल मुख्यालय में भूविस्थापितों की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ बैठक

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बिलासपुर । एसईसीएल से प्रभावित भूविस्थापितों की मांगों पर विगत दिवस एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के पदाधिकारियों और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के मध्य द्विपक्षीय वार्ता सम्पन्न हुआ । बैठक में भूविस्थापितो से जुड़े सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा किया गया ।
पिछले दिनों अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जाधानी सन्गठन ने एसईसीएल के दीपका क्षेत्र के खदान को 8 घण्टे तक पूरी तरह से ठप्प कर दिया था और पुन: दीपका और गेवरा में 8 दिन में खदान बन्द करने की चेतावनी दिया गया था जिसके बाद एसईसीएल मुख्यालय के उच्चाधिकारियों सहित गेवरा और दीपका क्षेत्र के अधिकारियों और जिला-प्रशासन अधिकारियों की मौजूदगी में साढ़े 5 घण्टे तक चली बैठक में कुछ मुद्दों पर सहमति बनी थी ।
साथ ही तय किया गया था कि एक माह के भीतर एसईसीएल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ मुख्यालय स्तर पर बैठक किया जाएगा । उस निर्णय के तहत एसईसीएल सीएमडी , निदेशक कार्मिक , निदेशक तकनीकी ,निदेशक संचालन और लैंड एन्ड रेवन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के प्रमुख पदाधिकारियों के मध्य बैठक रखी गयी थी किन्तु सीएमडी के बाहर होने के कारण उनकी अनुपस्थिति में बैठक आयोजित किया गया । बैठक में सभी बिंदुओं में चर्चा उपरांत कुछ विषयो पर प्रबंधन द्वारा मांगो को मानते हुए अग्रिम कार्यवाही करने का आश्वसन दिया गया और बाकी विषयो को नीतिगत कारणों का हवाला देकर केंद्र व राज्य सरकारों से पहल कराने के लिए कहा गया ।
जिन विषयो पर मांगो पर कार्यवाही का आश्वसन दिया गया उसमे 1983-84 के रोजगार के लंबित मामलों को विशेष संज्ञान लेकर वन टाइम सेटलमेंट के आधार पर निराकृत करने के लिए सभी क्षेत्रों से आवेदित फाइलों को मंगाने, महिला खातेदारों व विवाहित पुत्रियों को रोजगार देने का निर्णय लिया गया । क्षेत्रवार भुविस्थापित बेरोजगारो को वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सोसाइटी के माध्यम से 5 से 10 लाख तक का ठेका आबंटन के लिए एक माह में पालिसी निर्धारण करने , और अन्य ठेका कामो में नियोजित करने का निर्णय लिया गया।भुविस्थापित बेरोजगारो की कौशल उन्नयन कार्यक्रम शुरू करने , कंपनी के खर्च पर आईटीआई कराने और उन्हें कंपनी में वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराने का भी आश्वसन दिया गया ।
इसी तरह से महिला स्वयं सहायता समूह के महिलाओं के स्थाई आजीविका व रोजगार के लिए कार्ययोजना बनाकर जमा कराने पर तत्काल फंड उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया । गांवों के आंशिक अधिग्रहण के संबंध में प्रबंधन द्वारा स्पष्ट किया गया कि उच्च स्तर पर इसके लिये प्रयास किया जा रहा है। रोजगार ,बसाहट और मुआवजा के लिए एरिया और ग्राम समिति गठन करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई तथा एसईसीएल और उस कमेटी के साथ सयुंक्त टीम बनाकर कार्य करने तथा समस्याओ का निराकरण किया जाएगा । बसाहट स्थल को मार्डन सुविधा युक्त बनाने की योजना पर सहमति दी गयी बसाहट स्थल चयन के मामले में आ रही दिक्कत को आपसी सामंजस्य बनाकर दूर करने का निर्णय लिया गया है । कोरबा क्षेत्र के बलगी और सिंघाली परियोजना में भूधसान के प्रभावितो को फसल क्षतिपूर्ति व मुआवजा भुगतान के लिए भौतिक अवलोकन करने के लिए टीम भेजने का निर्णय लिया गया ।
अर्जन के बाद जन्म होने पर रोजगार , बसाहट के लिए 6 डिसमिल के बदले 10 डिसमिल जमीन , बसाहट के बदले दिए जाने वाले 3 लाख रुपये को बढ़ाकर 5 लाख करने , चार गुना मुआवजा , जोकाही डबरी, दर्राखांचा सुआभोडी के मकानों के लंबित मुआवजा, शासकीय भूमि में स्थित मकानों के लिए 100 प्रतिशत सोलिसियम , कोरबा में माइनिंग कालेज जिला खनिज निधि जैसे मुद्दों पर जिला प्रशासन ,राज्य एवं केंद्र सरकार की नीतियों का हवाला देकर अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ लिया ।
बैठक के दौरान एसईसीएल के डायरेक्टर कार्मिक एवं फाइनेंस एस एम चौधरी डायरेक्टर टेक्निकल (पी पी ) एस के पाल , मनोज कुमार , लैंड एन्ड रेवन्यू अधिकारी देशकर , गेवरा क्षेत्रीय मुख्यमहाप्रबन्धक एस के मोहंती सहित अन्य अधिकारी एवं ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के ओर से सपुरन कुलदीप, श्यामू जायसवाल, देमंत मिश्रा, विजयपाल सिंह, गजेंद्र ठाकुर , कुलदीप राठौर ,संतोष राठौर ,रविन्द्र जगत, ललित महिलांगे , उदल यादव, दशरथ बिंझवार अन्य अधिकारी व संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे ।
एसईसीएल डायरेक्टर्स के साथ आयोजित बैठक में कुछ प्रमुख बिंदुओं पर सकारत्मक निर्णय लिया गया और जल्द कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है और कुछ बिंदुओं पर अधिकारियों द्वारा नीतिगत मुद्दा बताकर इनकार कर दिया गया है जिसके कारण हमें निराशा हुई । बनाई गई सहमति के अनुसार यहां निरीक्षण के लिए टीम भेजने की बात कही गयी थी जिसके अनुसार सितम्बर माह के आखरी सप्ताह में प्रगति कार्य पर समीक्षा बैठक करने का निर्णय लिया गया है किंतु 15 दिन बीत जाने के बाद भी कोई अग्रिम कार्यवाही धरातल में नही दिख रहा है । हम पुन: आंदोलन की रणनीति पर आगे बढ़ेंगे ।

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