रायपुर,।वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने अपने कबीरधाम प्रवास के दौरान सोमवार को विश्राम भवन कवर्धा में कबीरधाम जिले के आदिवासी एवं विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति बहुल गांव शंभूपीपर को निस्तार और सामुदायिक उपयोग के लिए 153 हेक्टेयर का सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान किया। उन्होंने ग्राम पंचायत शम्भूपीपर की सरपंच श्रीमती देवकी सोनसिंह मरकाम को सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया। सामुदायिक वन अधिकार का हक मिलने के बाद ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने प्रति आभार व्यक्त किया है।
वनमंत्री अकबर ने कहा कि वन अधिकार पत्रों के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़, देश में अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है। वनांचल में रहने वाले राज्य के प्रत्येक परिवारों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में प्रयास किया जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ ने लघुवनोपज के संग्रहण में देश में पहले स्थान पर अपनी पहचान बना लिया है। वनांचल और जंगलों में बीच रहकर वनोजप संग्रहण करने वाले परिवारों को विकास के मुख्यधारा में लाते हुए उन्हे स्वालंबन और आत्मनिर्भर भी बनया जा रहा है। उन्होने कहा कि राज्य में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में वनोपज संग्राहक परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए अनेक फैसले लिए गए। पहले छत्तीसगढ़ राज्य में लघु वनोपज संघ द्वारा सात लघु वनोपजों का ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किया किया जा रहा था, जिसे बढ़ाकर 38 वनोपजों तथा संघ द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर्गत 14 वनांेपजो इस तरह कुल 52 वनोपजों का क्रय स्व सहायता समूहों के द्वारा किस जा रहा है। राज्य में महुआ का समर्थन मूल्य को 17 रूपए से बढ़ाकर 30 रूपए प्रति किलो निर्धारित किया गया है। इससे राज्य के लाखों वनोपज का संग्रहण करने वाले परिवारों को सीधा लाभ मिल रहा है। इस अवसर पर कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, डीएफओ दिलराज प्रभाकर, नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा सहित जनप्रतिनिधिगण और अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।