भोपाल । देशभर में डीजल की बढ़ती कीमतों और अन्य समस्याओं को लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की है। ट्रांसपोटर्स ने 28 जून को काला दिवस मनाने और अगस्त के पहले सप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।
डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और सड़क परिवहन क्षेत्र की बिगड़ती स्थिति ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की कमर तोड़ रही है। वाणिज्यिक परिवहन व्यवसाय में 85 प्रतिशत से अधिक ट्रांसपोर्टर छोटे ऑपरेटर हैं। जिनके पास एक से पांच वाहन (कार्गो और यात्री खंड दोनों में)हैं। इसमें लगभग 65 प्रतिशत स्व-नियोजित, मालिक और चालक हैं। ऐसे में छोटे व्यवसायी अपनी आजीविका खो रहे हैं और अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। परिवहन व्यवसाय में एनपीए. में वृद्धि हुई है और वित्तीय संस्थानों की ओर से परिवहन वाहनों को जब्त करने के लिए दबाव बढ़ रहा है, जो परिवहन व्यवसाइयों के बीच बेहद नाराजगी और चिंता पैदा कर रहा है।
सरकार से नहीं मिली कोई राहत
सरकार से राहत की उम्मीद थी, लेकिन वह उनकी दुर्दशा पर कठोर बनी हुई है। ब्लैंकेट मोरेटोरियम, बीमा के विस्तार, अन्य टैक्सों और शुल्क में छूट आदि से कोई राहत नहीं दी है। आर्थिक रूप से अपंग हो चुके सड़क परिवहन क्षेत्र पर मंडराते खतरों के प्रति सरकार के इस अकर्मण्य व्यवहार ने भारत की परिवहन बिरादरी को काला दिवस मनाने और राष्ट्रव्यापी चक्काजाम जैसे सख्त निर्णय लेने के लिए मजबूर किया है।
ये है ट्रांसपोर्टर्स की प्रमुख मांगें –
केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कमी और राज्यों द्वारा डीजल और पेट्रोल पर वैट कम किया जाए।
देश भर में डीजल और पेट्रोल की एक समान दर करने के साथ डीजल और पेट्रोल की कीमतों में तिमाही संशोधन किया जाए।
मौजूदा परिदृश्य में छह महीने के लिए ईएमआई. मोराटोरियम की घोषणा की जाए।
ई-वे बिल की वैधता के लिए निर्धारित समय सीमा को हर 100 किलोमीटर के लिए 1 दिन के पहले के स्तर पर बहाल किया जाना चाहिए।