भोपाल । किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई अब तत्काल कर दी जाएगी। किसानों को तत्काल राहत देने राज्य सरकार नया मॉडल तैयार कर रही है। इसमें फसल बीमा और राजस्व पुस्तक परिपत्र के माध्यम से दी जाने वाली राहत को मिलाकर एक योजना लागू की जाएगी। इससे फसल को प्राकृतिक आपदा से नुकसान होने की स्थिति में किसान की तत्काल भरपाई की जाएगी। प्रारंभिक आर्थिक सहायता राजस्व विभाग के माध्यम से मिलेगी और बाकी राशि फसल बीमा से दिलाई जाएगी। इसके लिए किसान को दिए जाने वाले ऋण की अधिकतम सीमा को आधार बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक में प्रस्तावित योजना पर प्रारंभिक विचार हो चुका है। प्राकृतिक आपदा से फसल के प्रभावित होने पर किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाने के लिए सर्वे कराकर राजस्व और कृषि विभाग की ओर अलग-अलग सहायता राशि दिलाई जाती है। फसल बीमा मिलने में लगभग एक साल लग जाता है। वहीं, राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रविधानों के तहत सहायता मिलने में भी दो-तीन माह लग जाते हैं। छोटे जोत वाले किसानों को फसल बीमा का लाभ कम ही मिल पाता है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को नई योजना बनाने के निर्देश दिए थे। कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि प्रस्तावित मॉडल में किसान को फसल खराब होने पर ऋण की अधिकतम सीमा तक राहत दिलाई जाएगी। इसमें फसल के खराब होने के बाद जितनी उपज होगी, समर्थन मूल्य से उसकी गणना करके शेष राशि की भरपाई सरकार करेगी। इसके लिए सबसे पहले संबंधित क्षेत्र के तीन साल के औसत उत्पादन के आधार पर नुकसान तय किया जाएगा। राजस्व पुस्तक परिपत्र में प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आर्थिक सहायता देने के जो प्रविधान हैं, उसके तहत तत्काल राहत दिलाई जाएगी। इसके बाद बीमा के माध्यम से क्षतिपूर्ति मिलेगी। बीमित राशि के अधिकतम 80 फीसद तक पूर्ति की जाती है। योजना में प्रविधान इस तरह रखे जा रहे हैं जिससे फसल खराब होने की स्थिति में किसान को अधिकतम क्षतिपूर्ति मिल सके। साथ ही फसल बीमा का दायरा सौ फीसद ऋण सीमा तक कर दिया है। कमल नाथ सरकार ने प्रीमियम राशि कम जमा करना पड़े, इसलिए इसे घटाकर 75 फीसद कर दिया था। नई योजना को जल्द ही अंतिम रूप देकर लागू करने की तैयारी है। कृषि मंत्री ने बताया कि मौजूदा फसल बीमा योजना में छोटे किसानों (पांच एकड़ तक खेती वाले) को लाभ नहीं मिल पाता है। दरअसल, ये किसान बीमा ही नहीं करवाते हैं। हमारी मंशा है कि इन किसानों का प्रीमियम सरकार दे दे। इससे इन्हें प्राकृतिक आपदा की सूरत में सुरक्षा मिलेगी।