मध्यप्रदेश कैडर के IAS अफसर लोकेश कुमार जांगिड़ की छवि हरियाणा के तेजतर्रार सीनियर IAS अफसर अशोक खेमका की तरह बनती जा रही है। लोकेश 2014 बैच के युवा IAS अफसर हैं। उनकी फील्ड पोस्टिंग के अभी साढ़े 4 साल हुए हैं, लेकिन उनके 8 बार ट्रांसफर हो चुके हैं। यानी औसतन हर 6 माह में उन्हें हटाया गया। 42 दिन पहले राज्य शिक्षा केंद्र के अपर संचालक से बड़वानी अपर कलेक्टर बनाया गया था, लेकिन पिछले सप्ताह उन्हें वापस राज्य शिक्षा केंद्र भेज दिया गया है। हरियाणा कैडर के IAS अफसर अशोक खेमका के 30 साल की नौकरी में 53 तबादले हुए। यानी उन्होंने भी औसतन हर 7 महीने में तबादले झेले हैं।
सूत्रों का कहना है कि लोकेश के बड़वानी से हटाने की वजह प्रशासनिक बताई गई। लेकिन इसके पीछे एक और कहानी सामने आ रही है। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन कंसट्रेटर की खरीदी में हुए भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया था। उन्हें जब बड़वानी में पदस्थ किया गया था, तब उन्हें जिले का कोविड प्रभारी बनाया गया था। बड़वानी कलेक्टोरेट के अधिकारी बताते हैं कि अप्रैल और मई में शायद ही अपने दफ्तर में बैठे। वे हमेशा फील्ड में रहते थे। कोरोना की पहली लहर में बड़वानी में बहुत तेजी से संक्रमण फैला, लेकिन दूसरी लहर में उनकी रणनीति और मेहनत का परिणाम है कि दूसरी लहर में जिले में कोरोना पैर नहीं पसार सका।