बिलासपुर । छत्तीसगढ़ में वैक्सीन की कमी और ग्लोबल टेंडर मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फिर एक नोटिस जारी किया है। इसमें सरकार से तीसरी लहर से बचने की तैयारियों को लेकर 10 दिन में जवाब मांगा गया है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि 18 साल से कम उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। ऐसे में उनको बचाने के क्या उपाय किए जा रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी।
वैक्सीनेशन के ग्लोबल टेंडर को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अधिवक्ता हिमांशु सिन्हा और सिद्धार्थ गुप्ता ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर और 18 साल से कम उम्र के लोगों को लेकर सवाल उठाए। कहा कि उनको लेकर कोई तैयारी राज्य सरकार की ओर से नहीं की जा रही है। इस पर कोर्ट ने भी चिंता जताई। साथ ही राज्य शासन को जवाब के तौर पर तैयारियों का पूर्ण ब्योरा देने का दिया आदेश दिया।
इससे पहले 4 जून को हुई मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि प्रदेश में 21 मई तक 50.82 लाख लोगों को वैक्सीन लगी है। इसमें 45+ और 18+ दोनों आयु वर्ग शामिल हैं, जबकि आबादी 2.90 करोड़ हैं। तीसरी लहर संभावित है, लेकिन वैक्सीन नहीं है। जिस स्पीड से वैक्सीनेशन हो रहा है, इसी रफ्तार से चलता रहा तो डेढ़ से दो साल लग जाएंगे। तीसरी लहर सितंबर-अक्टूबर में संभावित है।
दरअसल, हाईकोर्ट के वकील शैलेंद्र दुबे की ओर 25 मई को याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि मौजूदा स्थिति में वैक्सीन की पूर्ति करने के लिए देश में केवल दो कंपनियां काम कर रही हैं। इसकी वजह से कई राज्यों को वैक्सीन की कमी की वजह से टीकाकरण अभियान रोकना पड़ा है। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक जैसे राज्यों ने वैक्सीन की कमी को देखते हुए ग्लोबल टेंडर जारी किया है। इसी तर्ज पर राज्य सरकार को भी टेंडर जारी करना चाहिए।