Home देश मोदी कैबिनेट में शामिल होना चाहती है नीतीश की पार्टी

मोदी कैबिनेट में शामिल होना चाहती है नीतीश की पार्टी

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नई दिल्ली ।  संसद के मानसून सत्र के पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की आहट सुनाई देने लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं। इस बीच बिहार के राजनीतिक गलियारे से एक बड़ी खबर आ रही है। शनिवार को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू को भी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। मीडिया के साथ संक्षिप्त बातचीत में आरसीपी ने कहा कि एनडीए में शामिल सभी दलों को सम्मान मिलना चाहिए। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार की 40 सीटों में से 34 सीटों पर बीजेपी और जेडीयू ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था। शेष 6 सीटों पर रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा के उम्मीदवार खड़े हुए थे। नीतीश कुमार केंद्र में नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में ज्यादा हिस्सेदारी की उम्मीद कर रहे थे। क्योंकि 6 सीटों पर लड़ने वाली लोजपा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई थी। तब रामविलास पासवान नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल हुए थे। बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार यह चाहते थे कि उनकी पार्टी से कम से कम तीन सांसद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलनी चाहिए थी। बता दें कि 2019 में 303 सीटें जीतने वाली भाजपा की सरकार में जेडीयू ने शामिल होने से इनकार कर दिया था। तब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार थे और उन्होंने नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में एक को मंत्री बनाए जाने से नाराज होकर अंतिम समय में मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम में अभी उनके अलावा 21 कैबिनेट और 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 29 राज्य मंत्री हैं। कुछ मंत्रियों के पास कई मंत्रालय होने से मंत्रि परिषद के साथियों की कुल संख्या 54 है। सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों को मंत्रिपरिषद के भावी फेरबदल और विस्तार में शामिल किया जा सकता है, उनमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, बैजयंत पांडा के नाम चर्चा में हैं। इस बार के विस्तार में जेडीयू को भी शामिल करने की स्थितियां बन सकती हैं। मोदी सरकार में अभी भाजपा के सहयोगी दलों से एक भी कैबिनेट मंत्री नहीं है। सहयोगी दलों में अकेले रिपब्लिकन पार्टी के रामदास आठवले राज्य मंत्री हैं। ऐसे में कुछ और सहयोगी दलों को भी विस्तार में जगह दी जा सकती है।

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