भोपाल । करीब दो महीने बाद खुले शहर के बाजारों से कल पुरानी रौनक गायब रही। शहर के बाजारों में सामान्य दिनों की तुलना में बहुत कम लोग बाजार पहुंचे। दुकानदारों को अच्छी ग्राहकी की उम्मीद थी, जो पूरी नहीं हुई। 25 फीसद ग्राहक, कुछ दुकानदार व कर्मचारी ऐसे भी दिखे जिनके मास्क नाक से नीचे थे। सराफा, श्रंगार की दुकानों पर मामूली दबाव दिखा। ऐसी दुकानों पर गोले में खड़े रहकर ग्राहक अपनी बारी का इंतजार नहीं कर रहे थे। न्यू मार्केट क्षेत्र में कुछ कपड़ा दुकानों पर ग्राहकों का अधिक दबाव दिखा। ऐसी दुकानों पर कोरोना नियंत्रण की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। ग्राहकों के बीच एक-दूसरे से शारीरिक दूरी नहीं दिखी। ऐसे दुकानदार जागरूकता दिखाने के बजाय ग्राहकी करने में जुटे थे। महिलाओं के श्रृंगार की दुकानों पर भी दबाव दिखा। इसकी दो वजह हो सकती थी। एक तो दुकानें सीमित रहती हैं। दूसरा, 10 जून को वट सावित्री व्रत भी था। इस मौके पर महिलाएं खरीदी करती हैं। हालांकि, पूजन दिन में ही हो जाता है। सड़कों पर भी कम दबाव दिखा संभावना थी कि 60 दिन बाद खुल रहे बाजार के कारण गुरुवार को न्यू मार्केट, पुराने भोपाल क्षेत्र में वाहनों का दबाव बढ़ जाएगा। जाम की स्थिति भी बन सकती है। लेकिन शाम छह बजे तक जाम जैसी स्थिति देखने को नहीं मिली। दुकानदारों का पहला दिन साफ-सफाई में बीता। न्यू मार्केट के कपड़ा व्यापारी योगेश बघेल ने बताया कि शाम तक आठ से दस ग्राहक ही आए। उम्मीद थी कि सामान्य दिनों की तुलना में कम से कम 50 ग्राहक आएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 60 दिन बाद दुकानें खुली थीं। सुबह ग्राहकी भी नहीं थी। दुकानदारों ने पूजा-अर्चना की। शाम तक ग्राहकों का इंतजार किया। दुकानों में ग्राहकी भी हुई, लेकिन सामान्य दिनों की तुलना में बहुत कम ग्राहकी हुई है। सड़कों के किनारे सब्जी की दुकानें सामान्य दिनों की तुलना में अधिक थी, जिन पर ग्राहकी दिखी। मोबाइल, जूते, फल और खाने-पीने की दुकानों पर ग्राहक अधिक दिखे। बर्तन, ज्वेलरी आदि की दुकानों पर गिने-चुने ग्राहक ही पहुंचे।