नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ टीकाकरण के लिए निजी अस्पतालों की तरफ से दिए जा रहे होटल पैकेज पर सरकार ने नाराजगी जताई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसे टीका केंद्र टीकाकरण को लेकर जारी दिशा निर्देशों के खिलाफ है और इन्हें तुरंत बंद कराया जाए। मंत्रालय ने ऐसे मामलों में उचित कार्रवाई करने को भी कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अपर सचिव डा मनोहर अगनानी ने इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि ऐसी जानकारी मिल रही है कि कुछ प्राइवेट अस्पताल कोरोना टीकाकरण के लिए होटलों के साथ मिलकर पैकेज दे रहे हैं। इसके तहत होटलों में लग्जरी सुविधाओं के साथ टीकाकरण की पेशकश की जा रही है।
अगनानी ने साफ कहा है कि टीकाकरण के लिए सिर्फ चार विकल्प उपलब्ध हैं। पहला सरकारी कोविड वैक्सीनेशन सेंटर, दूसरा निजी अस्पतालों द्वारा संचालित प्राइवेट कोविड वैक्सीनेशन सेंटर, तीसरा सरकारी कार्यालयों के कार्यस्थलों में बने कोविड वैक्सीनेशन सेंटर और प्राइवेट कंपनियों में निजी अस्पतालों द्वारा संचालित केंद्र और चौथा एवं आखिरी बुजुर्गो और दिव्यांगों के लिए घर के पास कोविड वैक्सीन सेंटर, जो आरडब्ल्यूए कार्यालय, हाउसिंग सोसाइटी, सामुदायिक केंद्र, पंचायत भवन, स्कूल-कालेज, ओल्ड एज होम जैसी अस्थायी जगहों पर चलाए जा रहे हैं। अगनानी ने कहा कि उपरोक्त के अलावा अन्य किसी भी जगह पर राष्ट्रीय कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीका नहीं लगाया जा सकता है। इसलिए सितारा होटलों में टीकाकरण का प्रस्ताव करना नेशनल कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम के दिशानिर्देशों के खिलाफ है। ऐसे टीकाकरण केंद्रों को तुरंत रोका जाए और ऐसा करने वाली संस्थाओं के खिलाफ कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।