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कोरोना के अगली लहर के लिए रहना है तैयार-कलेक्टर भीम सिंह … एमसीएच अस्पताल को कोविड संक्रमित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए विशेष रूप से किया जाएगा तैयार

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रायगढ़। कोरोना की तीसरी लहर के आने की संभावना व्यक्त की जा रही है जिसमें बच्चों के भी प्रभावित होने की आशंका जतायी जा रही है। इसको लेकर हमें पहले से अपनी पुख्ता तैयारी रखनी है। बच्चों के इलाज के लिए जरूरी संसाधनों व उपकरणों की पूरी व्यवस्था तैयार रखना है। उक्त बातें कलेक्टर भीम सिंह ने आज जिले में कोरोना प्रबंधन से जुड़ी स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने एमसीएच हॉस्पिटल जिसमें अभी कोविड मरीजों का उपचार हो रहा है उसे बच्चों व गर्भवती महिलाओं के इलाज के हिसाब से रेडी करने के लिए जरूरी तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए। बच्चों के क्रिटिकल केयर के लिए जरूरी मशीनों का आंकलन करते हुए खरीदी के लिये प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने निजी अस्पतालों को भी अपनी तैयारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर सिंह ने जिले में वर्तमान कोरोना प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि पॉजिटिविटी दर में कमी लाते हुए कोविड डेथ के मामलों को कम से कम करना हमारा प्रमुख लक्ष्य है। इसके लिए सभी को विशेष प्रयास करने होंगे। उन्होंने सभी विकासखण्डों को उनके प्रतिदिन के टेस्टिंग लक्ष्य को अनिवार्य रूप से पूरा करने के लिए कहा। जिससे संक्रमित मरीजों की जल्द पहचान कर उनका इलाज शुरू किया जा सके और संक्रमण को आगे बढऩे से रोका जा सके। इसके साथ ही उन्होंने गांव-गांव में चल रहे जन-जागरूकता कार्यक्रम में लोगों को लक्षणों के साथ संक्रमण किस रफ्तार से शरीर पर अपना असर दिखाता है और कैसे तेजी से शरीर में ऑक्सीजन लेवल घटता है इसको लेकर भी जागरूक करने के लिए कहा। ताकि लोग कोरोना के लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराएं और इलाज लें। अनावश्यक देरी ना करें, जिससे उनके गंभीर होने की संभावनाओं को कम से कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिले के हर गांव के मितानिन के लिए ऑक्सीमीटर की खरीदी कर उन्हें उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही थर्मल स्कैनिंग गन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने हर पंचायत को अपने स्तर पर 8 से 10 ऑक्सीमीटर खरीद कर रखने के निर्देश दिए। ताकि इसकी सहायता से गांव के होम आइसोलेटेड मरीजों के साथ लक्षणयुक्त व्यक्तियों के ऑक्सीजन सेचुरेशन की जांच होती रहे और सेचुरेशन 94 के नीचे आने पर उसे अस्पताल शिफ्ट किया जा सके। इससे मरीज की रिकवरी के चान्सेस बढ़ जाएंगे।
इस दौरान सीईओ जिला पंचायत डॉ.रवि मित्तल, नगर निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय, जिला शिक्षा अधिकारी आर.पी.आदित्य सहित कोविड अस्पतालों के संचालक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बैठक में शामिल हुए।


1 करोड़ के पांच वेंटिल्टर्स और पहुंचे

कलेक्टर सिंह ने बताया कि लगभग 1 करोड़ कीमत के पांच वेंटिल्टर्स भी आ चुके हैं। जिसे मेडिकल कॉलेज में दिया गया है। इससे गंभीर मरीजों के उपचार सुविधाओं को मजबूती मिलेगी। कलेक्टर सिंह ने छाल पीएचसी में 10 ऑक्सीजन बेड और यहां एसइसीएल के बिल्डिंग में 10 ऑक्सीजन बेड की सुविधा तैयार करने के लिए कहा। कलेक्टर सिंह ने विकासखंड स्तरीय अस्पतालों में बाइपेप मशीन दिए जाने की समीक्षा की।


ब्लैक फंगस के मरीजों के तीन अस्पतालों में जांच की शासन ने की व्यवस्था


कलेक्टर सिंह ने ब्लैक फंगस के केसेस इलाज के संबंध में कहा कि शासन ने एम्स रायपुर, मेकाहारा रायपुर या सिम्स बिलासपुर में ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज की व्यवस्था की है। अत: जिले में जो भी केस आएं उन्हें इन अस्पतालों में रेफेर करें। इसके साथ ही उन्होंने पोस्ट कोविड लक्षणों वाले मरीजों के उपचार व देखभाल के संबंध में जानकारी ली। बताया गया कि जिला अस्पताल में पोस्ट कोविड ओपीडी संचालित है। जिसमें  कोविड से रिकवर के बाद भी पोस्ट कोविड लक्षण वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अधिकांश मरीज हाइ पल्स रेट, फेफड़े सम्बंधी समस्याओं के चलते आ रहे हैं। कलेक्टर सिंह ने यहां मरीजों के इलाज के साथ उन्हें कॉउंसलिंग देने के निर्देश दिए।

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