धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
कहते है इंसान पेट के लिए क्या नहीं करता, लेकिन अपने तथा परिवार के लोगों को खतरे में डालकर उनका पेट पाला जाय तो ये बात न्यायसंगत नहीं मानी जाती। कुछ इसी तरह धरमजयगढ़ विकासखण्ड के आदिवासी क्षेत्रों के लोग बेहिचक होकर कमाने खाने के नाम पर अन्य राज्यों का सहारा लेते हैं। जब लॉक डाउन जैसे हालात होते हैं तो इन्हें भूखे प्यासे खाली जेब और खाली पेट लेकर अपने गांव वापस आना पड़ता है। इस कड़ी में धरमजयगढ़ के जनपद पंचायत में आज प्रवासी मजदूरों को लेकर एक बस पहुंची जिन्हें उनके अपने-अपने गांव के नजदीकी कोरेन्टइन सेंटर भेज दिया गया है। मजदूरों से पूछने पर उन्होंने बताया कि वो सब रायपुर घूमने गय थे किंतु अपने बेरोजगारी को छुपाने की कोशिश कर रहे ये मजदूर बोर गाड़ी में काम करने 3 माह पहले गय थे। धरमजयगढ़ के जनपद में आज प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्र के 10 मजदूरों को रायपुर से धरमजयगढ़ पहुंचवाया जहां से उन्हें उनके घर के नजदीकी कोरेन्टाइन सेंटर भेज दिया है। जहा सभी मजदूरों का कोरोना जांच के बाद नेगेटिव रिपोर्ट आने के पर उन्हें उनके घर जाने दिया जाएगा रायपुर से आय मजदूरों में एक व्यक्ति खम्हार धौराभाटा से तीन और रामपुर से 6 मजदूर कुल 10 मजदूर शामिल है।