भोपाल । ट्रेनों से लेकर स्टेशन के प्लेटफार्म और आउटर पर फिर से अवैध वेंडर की मौजूदगी बढ़ गई है। ट्रेनों में यात्रियों को भोजन से लेकर पानी और अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए रेलवे की व्यवस्थाएं काफी नहीं पड़ रही है। इसका फायदा अब अवैध वेंडर उठा रहे हैं। वे महंगे दामों पर यात्रियों को खादय सामग्री बेच रहे हैं। इधर पश्चिम मध्य रेलवे की आरपीएफ का दावा है कि उसने जबलपुर, भोपाल और कोटा, तीनों मंडल में अवैध वेंडर के खिलाफ कार्रवाई की। पिछले एक साल के दौरान आरपीएफ ने ढाई हजार अवैध वेंडर पकड़े। जबलपुर रेल मंडल ने वर्तमान में अधिकांश ट्रेन महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे से यूपी और बिहार जा रही हैं। इन ट्रेनों में यात्रियों को पानी, खाना, गुटखा, खाद्य सामग्री की जरूरत को वैध से ज्यादा अवैध वेंडर पूरा कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कटनी, इटारसी, सतना, सागर और सिंगरौली, इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों में ज्यादा अवैध वेंडर हैं। कोरोना काल के दौरान बिरोजगारी बढ़ने के साथ इनकी संख्या में बढ़ गई है। कुछ स्टेशनों में तो जिन्हें इन्हें हटाने की जिम्मेदारी दी है, वह भी इनका सहयोग कर रहे हैं। जबलपुर रेल मंडल ने अवैध और वैध वेंडर की पहचान करने के लिए वैध वेंडर को परिचय पत्र दिया। इसके साथ हर परिचय पत्र में एक बार कोड दिया गया, जिसे स्कैन करके संबंधित वेंडर की पूरी जानकारी आसानी से मिल जाती है, लेकिन इन दिनों वैध वेंडर ही इन परिचय पत्र को नहीं पहन रहे, ताकि उनके सहयोग से चल रहे अवैध वेंडर की पहचान न हो सके। इसको लेकर न तो जबलपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग ने कोई कदम उठाया है और न ही आरपीएफ ने । आरपीएफ के मुताबिक यात्री गाड़ियों और रेल परिसर में अनाधिकृत रूप से खाद्य सामग्री व अन्य वस्तुओं को बेचने वालो के विरूद्ध कार्रवाई करते हुये, 2503 व्यक्तियों की गिरफ्तारी करते हुये कुल 22,19,399 रुपये जुर्माना वसूला गया है। रेल परिसर में 224 लावारिस बच्चों के पुर्नवास एवं चाइल्ड रेस्क्यू अभियान के तहत उनके परिवारों से मिलाकर, गैर सरकारी संस्थाओं को सुपुर्द कर किया गया।सूत्रों की माने तो वर्तमान में अवैध वेंडर, वैध के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, बदले में कमीशन दे रहे हैं। आउटर और लंबी दूरी की ट्रेनों में अवैध वेंडर की संख्या ज्यादा है आरपीएफ,जीआरपी, कमर्शियल इंस्पेक्टर को इन्हें पकड़ना है, लेकिन वे नहीं पकड़ते । कोरोना काल के दौरान अवैध वेंडर बढ़ गए हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं हो रही जो भी सामान बेचते हैं, उसमें कोई निर्धारित दाम नहीं होता है।