भोपाल । प्रदेश के ठेका बिजलीकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। ऐसा आउटसोर्स कंपनियों के बदलने के कारण हो रहा है। समय पर वेतन नहीं मिलने से ठेका बिजलीकर्मियों को परेशानी का सामना करना पड रह है। प्रदेश की राजधानी भोपाल के 1000 से अधिक ठेका बिजलीकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। यही हाल प्रदेशभर के अन्य जिलों में काम करने वाले बिजली कर्मियों का है। ये ऐसे बिजलीकर्मी हैं जो जान जोखिम में डालकर चौबीस घंटे बिजली सप्लाई देने में जुटे हैं। इन्हें समय पर वेतन की सबसे अधिक जरूरत है, क्योंकि अभी किसी न किसी के घर में परिवार के सदस्य कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं। उनके इलाज के लिए रुपयों की सख्त जरूरत है लेकिन वेतन नहीं मिलने की वजह से दिक्कतें हो रही हैं। इन बिजलीकर्मियों ने महीने की 7 तारीख तक वेतन भुगतान की मांग की है। प्रदेश भर के आउटसोर्स बिजलीकर्मियों के साथ समय पर और पर्याप्त वेतन नहीं मिलने की समस्या आ रही है। इस बात से प्रदेश के सभी बिजली कर्मचारी संगठन नाराज है। अधिकारियों के सामने समय से वेतन और पूरा वेतन दिलाने की बात रख दी है। साथ में चेतावनी भी दी है कि उनके ओर उनके परिवारों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया तो न चाहते हुए भी काम बंद कर देंगे। आउटसोर्स बिजलीकर्मियों को वेतन नहीं मिलने की वजह यह भी है कि अप्रैल माह का इनका वेतन दो कंपनियों के खाते में जाकर अटक रहा है। दरअसल बिजली वितरण कंपनियों ने 1 अप्रैल से आउटसोर्स ठेका कंपनियों के नए सिरे से टेंडर किए हैं। मप्र विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन के प्रांतीय महामंत्री बीडी गौतम ने बताया कि नई कंपनियों ने कुछ जगहों पर 10 से 15 दिन की देरी से काम शुरू किया था। ऐसी जगहों पर अप्रैल माह का 10 से 15 दिन का वेतन पुरानी कंपनी के खाते में गया है और बाकी का नई कंपनी के खाते में आया है। आउटसोर्स कंपनियों को बिजली कंपनी वेतन भुगतान करती है।