अहमदाबाद | अरब सागर में सक्रिय तौकते चक्रवात का खतरा गुजरात पर मंडरा रहा है| फिलहाल चक्रवात दक्षिण और दक्षिण पूर्व वेरावल से 920 किलोमीटर दूर है, जिसके 18 को गुजरात से टकराने की संभावना है| चक्रवात को देखते हुए मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है| चक्रवात के असर से तटीय क्षेत्रों में भारी से अतिभारी बारिश की संभावना मौसम विभाग ने व्यक्त की है| गुजरात में सौराष्ट्र क्षेत्र के तटीय जिलों में 16 मई से बारिश होने की संभावना है| 17 मई को भारी से अत्यंत भारी बारिश हो सकती है। वहीं, 18 मई को सौराष्ट्र और कच्छ में कुछ जगहों पर भारी से अत्यंत भारी तथा किसी-किसी स्थान पर अत्यंत भारी बारिश होने की संभावना है। तूफान को ‘तौकते’ नाम म्यांमार ने दिया है जिसका मतलब ‘छिपकली’ होता है। इस साल भारतीय तट पर यह पहला चक्रवाती तूफान होगा। संभावित चक्रवात को देखते हुए सौराष्ट्र के ज्यादातर बंदरगाहों पर 2 नंबर का सिग्नल लगा दिया गया है| जिसमें जामनगर बेडी, नवा बंदरगाह, रोजी, सिक्का, देवभूमि द्वारका के ओखा, लांबा,सलाया, वेरावल बंदरगाह समेत पोरबंदर के तटीय क्षेत्र में 2 नंबर का सिग्नल लगाया गया है| इसी के साथ सौराष्ट्र में एनडीआरएफ की 15 टीमों को तैनात किया जाएगा| एनडीआरएफ की 2 टीमें अमरेली में, गिर सोमनाथ में 2, देवभूमि द्वारका में 2, राजकोट में 2, पोरबंदर में 2, जामनगर में 2, कच्छ में 2 और भावनगर में एक टीम को तैनात की जाएगी| फिलहाल वडोदरा के जरोद स्थित एनडीआरएफ मुख्यालय से 2 टीमों को गिर सोमनाथ के लिए रवाना कर दिया गया है| जबकि 15 टीमें मुख्यालय पर स्टेन्डबाय रहेंगी और आदेश मिलते ही विभिन्न जिलों में रवाना होंगी| कोरोना की स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमों में पीपीई किट मुहैया करवाई गई है|