भोपाल । कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले राजधानी के सभी 124 अस्पतालों की जांच शुरू की जाएगी। शिकायत के आधार पर जांच में अगर निर्धारित शुल्क से 40 फीसद से ज्यादा का बिल बनता है तो संबंधित अस्पताल पर कार्रवाई होगी। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने सभी एसडीएम को निर्देश देकर अस्पतालों की जांच करने को कहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, रुद्राक्ष अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने पीयूष अग्रवाल को आठ हजार, प्रभा पांडे को 12 हजार, एसपी दीक्षित को 24 हजार और एसआर तानपुरे को 12 हजार रुपये वापस दिलाए हैं। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने अधिक राशि जोड़े जाने के मामले में अपनी गलती स्वीकारी और उक्त राशि मरीज के स्वजनों को वापस करने के लिए लिखित में दिया। इसी प्रकार होशंगाबाद रोड स्थित उबंटू अस्पताल में भी मोंटू सिन्हा की शिकायत पर जांच की गई। यहां भी अस्पताल प्रबंधन से शिकायतकर्ता को 71 हजार रुपये की राशि वापस दिलाई गई है। इस प्रकार कुल 1 लाख 20 हजार की राशि वापस दिलाई गई। अधिक बिलिंग और शिकायत में सही पाए जाने पर रुद्राक्ष और उबंटू अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद करने के लिए सीएमएचओ को निर्देश दिए गए हैं। कोलार स्थित भगवती गौतम एवं निर्माणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से भी शिकायतों की जांच करने के लिए एसडीएम क्षितिज शर्मा के नेतृत्व में दस्तावेज जब्त किए गए हैं। एसडीएम ने बताया कि कई अस्पतालों की जांच में पाया गया कि मरीज को विभिन्ना प्रकार के टेस्ट कराने एवं आक्सीजन उपलब्ध कराए जाने के नाम पर अनाप-शनाप राशि वसूली जा रही थी। इसके संबंध में मरीजों के स्वजनों और अटेंडेंट को जानकारी भी नहीं दी जा रही थी। इस संबंध में कोलार क्षेत्र के सभी अस्पतालों को भी निर्देश दिए गए हैं कि जो भी बिल का चार्ज किया गया है, उसके संबंध में समस्त जानकारी दी जाए। बता दें कि कोलार के चार अस्पतालों पर मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एक लाख 20 हजार रुपये मरीजों के स्वजनों को वापस दिलाए गए हैं। वहीं दो अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के लिए सीएमएचओ को लिखा गया है।