भोपाल । मध्य प्रदेश में 29 और 30 अप्रैल को सभी वैक्सीनेशन सेशन निलंबित किए गए है। मध्यप्रदेश के वैक्सीनेशन इंचार्ज ने बताया हैकि 18 से 44 साल तक की उम्र के लोगों की वैक्सीनेशन ड्राइव की प्लानिंग, ट्रेनिंग और ड्राई रन को देखते हुए फैसला लिया गया है। मध्य प्रदेश में इस समय 21 हजार से ज्यादा मरीज ऑक्सीजन या आईसीयू बेड पर हैं। इन मरीजों के लिए रोजाना 500 से 600 टन ऑक्सीजन की जरूरत है। ये सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अस्पतालों के प्रबंधकों के साथ बातचीत में कहा कि ऑक्सीजन की कमी सूचना कम से कम 6 घंटे पहले दी जाए। ताकि समय रहते व्यवस्था की जा सके।
कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों से ऑक्सीजन मांग 1 घंटे पहले की जाती है। ऐसी स्थिति में इंतजाम करना मुश्किल हो जाता है। ग्वालियर के एक अस्पताल में मंगलवार को ऑक्सीजन की कमी से कई मरीजों की मौत हो गई थी। शुरुआती जांच में पता चला है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से ऑक्सीजन की डिमांड करने में देरी की गई थी।
-सभी अस्पतालों में हो ऑक्सीजन मैपिंग
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों में ऑक्सीजन का ऑडिट किया जाए। इसी के साथ सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन मैपिंग शुरू की जाए। कलेक्टर रोजाना नजर रखें कि कितनी ऑक्सीजन लग रही है। इसके आधार पर एक चार्ट तैयार कर मांग की जाए। सोमवार को राज्य में 524 टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गई थी। जबकि 437 टन की ही सप्लाई की जानकारी मिली है।