भोपाल । प्रदेश सरकार के आक्सीजन की कोई कमी नहीं होने के दावे की एक बार पुन: पोल खुल गई है। अस्पताल में आक्सीजन के अभाव में तीन मरीजों ने दम तोड दिया। प्रदेश के ग्वालियर शहर के सरकारी अस्पताल जेएएच और जिला अस्पताल मुरार सहित शहर के चार कोविड अस्पतालों में शुक्रवार को आक्सीजन का गंभीर संकट पैदा हो गया। जेएएच के मेडिसिन आइसीयू से 60 मरीजों को पत्थर वाली इमारत में शिफ्ट किया गया। इस दौरान भाजपा नेता राजकुमार बंसल सहित तीन लोगों की मौत हो गई। ये सभी गैर कोरोना संक्रमित थे। आक्सीजन खत्म होने की सूचना जूनियर डाक्टरों us दोपहर से देना शुरू कर दी थी, परंतु प्रबंधन ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। इधर आक्सीजन के इंतजाम के लिए मंत्री, विधायक और जिले के आला अफसरों को मैदान में उतरना पड़ा। शाम छह बजे से एक-एककर अस्पतालों से आक्सीजन खत्म होने लगी। हर तरफ अफरा-तफरी मच गई। निजी अस्पतालों ने मरीजों के स्वजनों को स्पष्ट कह दिया कि वे अपने मरीजों को कहीं और ले जाएं। यह सूचना जैसे ही इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई तो प्रशासन सकते में आ गया। इसके बाद कलेक्टर और अन्य प्रशासनिक अफसरों ने आक्सीजन प्लांटों पर जाकर अस्पतालों में आक्सीजन के इंतजाम कराए। इसी बीच जेएएच के मेडिसिन आइसीयू में आक्सीजन खत्म होने पर यहां के मरीजों को पत्थर वाली इमारत में शिफ्टिंग कराने का काम शुरू हुआ। आक्सीजन खत्म होने की शुरुआत सिटी सेंटर स्थित परिधि अस्पताल से हुई और इसके बाद एक-एक करके अस्पतालों में आक्सीजन खत्म और मरीजों के डिस्चार्ज होने का सिलसिला शुरू हुआ। परिधि के बाद लक्ष्मीबाई कालोनी स्थित माहेश्वरी अस्पताल, सुविधा अस्पताल और सर्राफ अस्पताल में आक्सीजन खत्म हुई। इसके बाद जिला अस्पताल में संकट आ गया। उधर संकट गहराते ही ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और कलेक्टर बिरला नगर स्थित एमके एयर प्रोडक्ट पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। जिला अस्पताल व निजी अस्पतालों के लिए पचास सिलिंडर भिजवाए गए। देर रात पिंटो पार्क स्थित शिवा कंप्रेस्ड आक्सीजन प्लांट पर एडीएम सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी आक्सीजन सिलिंडरों के इंतजाम के लिए डटे रहे।