Home मध्य प्रदेश थोक विक्रेता के माध्यम से निजी अस्पताल को मिलेगा रेमडेसिविर

थोक विक्रेता के माध्यम से निजी अस्पताल को मिलेगा रेमडेसिविर

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भोपाल ।  निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम को रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण अब थोक विक्रेता के माध्यम से सीधा किया जाएगा। जिला प्रशासन एवं संबंधित जिले का औषधी निरीक्षक यह अवश्य सुनिश्चित करेगा कि इस इंजेक्शन का आवंटन जिले स्थित सभी निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम में समानुपातिक रूप से हो रहा है अथवा नहीं। जिला प्रशासन स्टॉकिस्ट या अस्पतालों के लिए आवंटन के काम में नही लगेगा। अस्पताल, नर्सिंग होम तथा स्टॉकिस्ट इस इंजेक्शन के वितरण का लेखा-जोखा जिला प्रशासन एवं औषधी निरीक्षक को प्रस्तुत करेंगे। नियंत्रक खाद्य एवं औषधी प्रशासन पी. नरहरि ने बताया कि रेमडेसिविर की सुगम उपलब्‍धता सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा हरसंभव प्रयास किए गए हैं। रेमडेसिविर निर्माताओं को मध्य प्रदेश में इसकी आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी को जरूरत अनुसार उचित दाम पर रेमडेसिविर की सुगम उपलब्‍धता के साथ ही इसकी कालाबाजारी एवं अवैध विक्रय की रोकथाम के निर्देश प्रदेश के सभी औषधी निरीक्षकों को जारी किए गए हैं। नरहरि ने बताया कि 15 अप्रैल को क्राइम ब्रांच इंदौर के साथ औषधी निरीक्षक की संयुक्त कार्रवाई में दवा फैक्ट्री संचालक डॉ. विनय शंकर त्रिपाठी के पास से रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किए गए हैं। जब्त औषधी के लेबल के अनुसार औषधी मेसर्स ट्यूलिप फार्मूलेशन कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) द्वारा मार्च 2021 में निर्मित की गई है। संदेही के पास मेसर्स ट्यूलिप फार्मूलेशन के रेमडेसिविर इंजेक्शन औषधी के निर्माण लायसेंस/उत्पाद अनुमति के दस्तावेज उपलब्‍ध नहीं थे। लेबल पर 5100 रुपये कीमत अंकित थी, जिससे यह प्रतीत होता है कि इस बैच का निर्माण संदेही द्वारा व्यावसायिक उपयोग के लिए किया गया है। इस मामले की जांच जारी है। सात कंपनियों से मिल रहा रेमडेसिविर कुल सात कंपनियों के रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति प्रदेश में हो रही है। शुक्रवार तक 97,716 इंजेक्शन की उपलब्‍धता प्रदेश में सुनिश्चित की गई है। शुक्रवार को 9768 रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति की गई है। इसमें से 480 यूनिट शासकीय अस्पताल, मुख्य चिकित्सा अधकिारी जिला जबलपुर को, 500 यूनिट एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर, 500 यूनिट रेडक्रॉस अस्पतालों एवं 8288 यूनिट निजी अस्पतालों के लिए प्रदेशभर में उपलब्‍ध कराई गई है। पी. नरहरि ने बताया कि ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इसके निर्माताओं और वितरकों से सतत संपर्क किया जा रहा है। पूर्व से स्वीकृत टैंकरों सहित 11 अतिरिक्त टैंकरों से प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। प्रदेश में विगत दिवस में लगभग 298 टन ऑक्सीजन की उपलब्‍धता रही है।

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