भोपाल । प्रदेशभर से कोरोना वायरस से बचाव के रेमडेसिविर इंजेक्शन को मूल्य से अधिक पर बेचने और कालाबाजारी की खबरें भी आ रही हैं। ऐसे में कालाबाजारी पर लगाम लगाने राज्य सरकार ने औषधि निरीक्षकों को की टीम को मैदान में उतार दिया है। पिछले दो दिनों में निरीक्षकों ने 476 जगह छापेमारी की है। इनमें मेडिकल स्टोर एवं दवाओं के गोदाम शामिल हैं। उधर, रविवार को 21862 इंजेक्शन प्रदेश पहुंच गए हैं। मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर सभी को ज़रूरत के अनुसार उचित दाम पर उपलब्ध हो और इसकी कालाबाज़ारी न हो, इसके लिए औषधि निरीक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं। रेमडेसिविर औषधि निर्माताओं को मध्यप्रदेश में इसकी सप्लाई बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें से पांच हजार इंजेक्शन सरकारी चिकित्सा संस्थानों में पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इंजेक्शन की आपूर्ति के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। अधिक मूल्य पर बिक्री और कालाबाजारी रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में सर्वाधिक मरीज हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। उनके लिए अलग से पांच हजार इंजेक्शन की आपूर्ति की गई है। प्रदेश में ऑक्सीजन की भी कोई कमी नहीं है। प्रदेश में वर्तमान में लगभग 244 टन ऑक्सीजन रोज आ रही है। नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन तथा आयुक्त खाद्य सुरक्षा पी. नरहरि ने बताया कि चार हजार इंजेक्शन इंदौर के चिकित्सा संस्थानों में पहुंच गए हैं। इन्हें जरूरत के हिसाब से अन्य मेडिकल कॉलेजों में भेजा जाएगा। इसकी व्यवस्था कर दी गई है। नरहरि ने बताया कि सरकारी चिकित्सा संस्थानों के लिए पांच हजार और निजी क्षेत्र के लिए पांच हजार इंजेक्शन आने की उम्मीद है। शासन इंजेक्शन की सप्लाई बढ़ाने को लेकर काम कर रहा है। बता दें कि कोरोना वायरस के संकट काल में प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के बाद रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी ने राज्य सरकार की नींद उड़ा रखी है। ऐसे में औषधि निरीक्षकों को टीम मैदान में उतार कर सरकार ने कालाबाजारियों को एक सख्त संदेश देने का प्रयास किया है।