कोटा । झालावाड़ के संतरे महाराष्ट्र के नागपुर में उत्पादित प्रसिद्ध संतरों से अधिक स्वादिष्ट माने जाते हैं। झालावाड़ जिले के बागवानी विभाग के संयुक्त निदेशक, पीके गुप्ता ने कहा कि जिले के डूंग, भवानीमंडी और पेदावा झालरापाटन क्षेत्र में 40,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि में संतरे के बगीचे हैं। इस क्षेत्र में फूल के दूसरे सीजन में संतरे के लाखों टन फल आते हैं। उन्होंने कहा कि जिले में पिछले साल प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों ने संतरे के उत्पादन को केवल 40 प्रतिशत तक सीमित कर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले साल जुलाई-अगस्त में फूल लगने के दूसरे चरण में 3,28,000-3,30,000 टन संतरा उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन इस साल इस मौसम में उत्पादन केवल 1,31,000 टन रहने का अनुमान है। इससे काश्तकारों को भारी नुकसान हुआ है। संतरे पर साल में तीन बार- अप्रैल, अगस्त, दिसंबर में फूल लगते हैं।