भोपाल । कोरोना के इस दौर में किसानों की लागत और बढऩेवाली है। हाल के दिनों में कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में देश में फर्टिलाइजर के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है। देश के सबसे बड़े उर्वरक विक्रेता इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव यानी इफको ने गैर-यूरिया उर्वरकों की कीमतों में 58 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर दी है। नई दरों के मुताबिक अब डीएपी की 50 किलोग्राम की बोरी 1200 रुपए के बजाए 1900 रुपए में मिलेगी। इसी तरह, एनपीके की नई कीमत 1500-1800 रुपए प्रति बोरी होगी, जिसमें पहले के मुकाबले 50 फीसदी वृद्धि हुई है। इसी तरह दूसरी कंपनियों ने भी उर्वरक की कीमतों में वृद्धि का ऐलान किया है।
हालांकि, इफको ने बताया कि अभी बढ़ी हुई कीमतों पर उर्वरक नहीं बिकेंगे। इफको के मुख्य कार्यकारी यूएस अवस्थी ने बताया कि हम पहले 11.26 लाख टन उर्वरक पुरानी दरों पर बेचेंगे। उन्होंने कहा कि पुरानी दरों के साथ बाजार में पर्याप्त सामग्री है और पहसे उनकी खपत देखी जाएगी, फिर कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि इफको द्वारा तय की गई उर्वरकों की नई कीमतें अस्थायी हैं। कच्चे माल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। उसके बाद ही उर्वरकों की कीमतों को फाइनल किया जाएगा। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे माल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं और इसलिए उर्वरक की कीमतों में वृद्धि से किसानों की जेब पर भारी असर पडऩे की आशंका है। डीजल की बढ़ी कीमतों के चलते किसान पहले से ही भारी दबाव में हैं। अब खाद की नई कीमतें आगामी खरीफ सीजन में उनकी लागत दोगुनी कर सकती है।