रायगढ़-जोहार छत्तीसगढ़
देश में टीकाकरण की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। इसी सिलसिले में शुक्रवार को जिले में कोरोना टीकाकरण का पूर्वाभ्यास ( ड्राइ रन) किया गया। बाल मंदिर-संत माइकल और बरमकेला स्कूल में कोरोना वैक्सीन लगाने का मॉक ड्रिल किया गया। इससे पहले भी 4 जनवरी को टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया गया था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया पहले के अभ्यास से सीखी गईं बातों को दूसरे ड्राई रन में सुधार करने के लिए उपयोग किया गया। पहले जो कमी थी, उसे ठीक कर लिया गया है और शुक्रवार के ड्राई रन में उनका परीक्षण किया गया।
आज हुए टीकाकरण के ड्राइ रन में जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केसरी, आरएमएनसीएच के जिला सलाहकार डॉ. राजेश मिश्रा, विश्व स्वास्थ्य संगठन के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रशांत घिर्रे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. भानू पटेल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक भावना महलवार, व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी की निगरानी में संपन्न हुआ।
जिले के 3 स्थानों पर हुआ ड्राई रन
देशव्यापी ड्राई रन को लेकर जिले में तीन स्कूलों में यह प्रक्रिया की गई । हर केंद्र पर पांच-पांच वैक्सीनेटर को तैनात किया गया था जिन्होंने कोरोना की डमी वैक्सीन लोगों को दिया। प्रत्येक केंद्र पर 25-25 लोगों को डमी वैक्सीन दिया गया। इस तरह से कुल 75 लोगों पर वैक्सीन लगाने का पूर्वाभ्यास किया गया। दूसरी ओर तैयारियों के बाबत जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केसरी ने बाल मंदिर, संत माइकल स्कूल आदि केंद्रों का जायजा लिया। उन्होंने ड्राई रन को लेकर चिकित्सकों व कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिया। सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक ड्राई रन सभी जगहों पर चला। डॉ. केसरी ने बताया कि ड्राई रन का उद्देश्य वास्तविक वैक्सीन आने से पहले इसकी पुख्ता तैयारियों की समीक्षा करना है । “कोराना वैश्विक महामारी में किसी प्रकार की कोई कोताही कतई नहीं बरती जाएगी, इसकी हम सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं,’’ उन्होंने बताया ।
आधे घंटे तक मरीजों पर रखी जायेगी नजर
विश्व स्वास्थ्य संगठन के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रशांत घिर्रे ने बताया “कोरोना वैक्सीन जिन लोगों को लगाई जाएगी, ऐसे लेगों को अलग से एक रूम में रखा जायेगा। लगभग आधा घंटे चिकित्सकों व कर्मियों की निगरानी में लोग रहेंगे। वैक्सीन के बाद कोई साइड इफैक्ट न हो इसकी पहचान की जायेगी।‘’
बाल मंदिर सेंटर में सुनीता यादव नाम की महिला पर टीकाकरण के दौरान होने वाली घबराहट और टीका की प्रतिक्रिया का मॉक ड्रिल किया गया। इसे एनाफायलेसिस कहा जाता है जिसमें कई बार लोग मानसिक तौर पर टीका को लेकर घबरा जाते हैं, कई बार टीका का प्रतिकूल प्रभाव भी होता है इन्हीं के जांच के लिए आधे घंटे का निगरानी समय रखा गया है।“
क्या होता है ड्राइ रन
आरएमएनसीएच के जिला सलाहकार डॉ. राजेश मिश्रा बताते हैं “ड्राइ रन एक तरह से टीकाकरण का पूर्वाभ्यास होता है। इस अभियान के तहत टीकाकरण के सारे प्लान का प्रैक्टिकल तरीके से टेस्ट किया जाता है। इसे टीकाकरण का पूर्वाभ्यास या मॉक ड्रील कह सकते हैं। इसमें सबकुछ वैसा ही होगा जैसे वैक्सीनेशन अभियान के दौरान असल में किया जाने वाला है। इसमें सबसे पहले डमी वैक्सीन कोल्ड स्टोरेज से निकलकर वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचती है, टीका स्थल पर भीड़ प्रबंधन किया गया, एक-दूसरे के बीच शारीरिक दूरी का पालन किया गया। इसके अलावा ड्राई रन के तहत वैक्सीन की रियल टाइम मॉनिटरिंग को भी टेस्ट किया गया। वैक्सीन का डोज देने को छोड़कर वह सब कुछ किया गया जो एक टीकाकरण अभियान के दौरान किया जाता है।“