लैलूंगा-जोहार छत्तीसगढ़।
छत्तीसगढ़ सरकार का महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी की शुरूआत किया गया है लेकिन इस योजना को कुछ सरपंच-सचिव अपना जेब भरने का जरिया बना लिया है। जिसके कारण ये योजना दम तोड़ता दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों ने इस योजना को रमन सरकार का रतनजोत योजना से जोड़कर देख रहे हैं क्योंकि जिस तरह रतानजोत योजाना में भ्रष्टाचार हुआ उसी तरह इस योजना में भी खुलकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है और इन भ्रष्टाचरियों का साथ विभागीय अधिकारी कर्मचारी देते हैं। जिसका नतीज है कि छत्तीसगढ़ सरकार का महत्वपूर्ण योजना दम तोड़ता जा रहा है। आज हम बात कर रहे हैं रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकास खण्ड कि यहां भी कुछ सरपंच-सचिव ने इस गोठान योजना की धज्जियां उड़ा रहे हैं। विकासखण्ड मुख्यालय से 8-10 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत बीरसिंघा में भी गोठन बनाया गया है लेकिन इस गोठान को देखते ही आप आसानी से समझ सकते हैं कि सरकार द्वारा दिया गया राशि को किस तरह से बंदरबांट किया गया है। इस गोठान में दो तीन पानी टंकी, और गोबर को रखने के लिए 2-4 टंकी वो भी अधूरा निर्माण और एक बोर खनन के आलावा और कुछ भी कार्य नहीं करवाया गया है। लोगों को दिखाने के लिए दो जगह मचान बनाकर थोड़ा सा सड़ा हुआ पैरा को रख दिया गया है। बीरसिंघा के सरपंच से गोठान का कार्य पूरा हुआ कि नहीं पूछने पर बताये कि गोठान बनकर पूर्ण हो गये हैं एवं रोज गांव के मवेशियों को गोठान में रखा जा रहा है। जब हमारे द्वारा सरपंच को बोला गया कि हम लोग आपके गौठान से ही आ रहे हैं तो सरपंच चुप हो गई और कहने लगे कि हम लोग क्या करें हमारा सचिव तो हम लोगों को कुछ भी नहीं बताते हैं सिर्फ चेक में हस्ताक्षर करवाते हैं कुछ भी पूछने पर नहीं बताते हैं। यह सीलसीला लंबे समय से चला आ रहा है। सरपंच ने सचिव रमेश पटेल पर कई गंभीर आरोप भी लगाये हैं। शुरू से ही ग्राम पंचायत बीरसिंघा के राशन दुकान को ग्राम पंचायत द्वारा चलाया जा रहा है लेकिन राशन वितरण हो रहा है नहीं कितना राशन शासन की ओर से प्राप्त होता है कुछ भी जानकारी सचिव रमेश पटेल द्वारा सरपंच को नहीं दिया जाता।
स्वच्छ भारत मिशन योजना का उड़ रहा धज्जियां
ग्रामीणों ने बातये कि शासन की योजना क तहत हर घर शौचालय योजना का लाभ इस ग्राम पंचायत के लोगों को नहीं मिला जिसके चलते आज भी ग्रामीणों को खुले में शौच करने को मजबूर होना पड़ रहा है जबकि पूरा लैलंंूगा विकासखण्ड ओडीएफ घोषित है। जब इस संबंध में सरपंच से पूछ गया तो सरपंच ने हमारे टीम को बताये कि बीरसिंघा में स्वच्छ भारत योजना क तहत एक भी शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है। 10-15 साल पहले निर्मल ग्राम योजना के तहत जो शौचालय बनाया गया था वहीं शौचालय है ग्रामीणों के घर में। सभी घरों में शौचालय नहीं बनने के कारण लोग खुले में शौच करने जाते हैं सरपंच से जब पूछा गया कि आप से पहले आपके पति सरपंच रहे हैं और आपके पति शासन को प्रमाण पत्र दिये हैं कि ग्राम पंचायत बीरसिंघा के सभी घरों में शौचालय हैं तो पूर्व सरपंच बताये कि मेरे को इसकी जानकारी नहीं है अगर ऐसा है तो सचिव मेरे से हस्ताक्षर करवा लिया होगा क्योंकि जब शौचालय बना ही नहीं है तो फिर मैं कैसे प्रमाण पत्र दूंगा की सभी घरों में शौचालय बना है।