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प्राइवेट परिक्षार्थियों को भी मिले जनरल प्रमोशन का लाभ

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खरसिया। कोरोनावायरस संकट को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए जनरल प्रमोशन का आदेश जारी किया है जो स्वागत योग्य है। कोरोना संकट की वजह से तमाम सिस्टम प्रभावित हुआ है। विद्यार्थियों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर परीक्षा आयोजन तक में बहुत बड़ी चुनौती सामने आई है। ऐसे में विद्यार्थियों के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक वितरण एवं तात्कालिक परीक्षा से छूट प्रदान किया जाना विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर है लेकिन जनरल प्रमोशन केवल नियमित विद्यार्थियों का किया जाना और स्वाध्यायी विद्यार्थियों को इस छुट से परे रखना कहॉं का न्याय है ?
कोरोनावायरस संकट से रेगुलर विद्यार्थियों के साथ-साथ प्राइवेट विद्यार्थी भी जूझ रहे हैं। प्राइवेट विद्यार्थियों की भी पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हो रही है। उन्हें भी कोरोनावायरस संक्रमण का डर है। क्या वे परीक्षा दिलाने निकलेंगे तो उन्हें कोरोना का संक्रमण नहीं होगा ?
प्राइवेट पढ़ाई करने वाले वे विद्यार्थी होते हैं जो किसी कारणवश नियमित रूप से अध्ययन जारी नहीं रख पाते। विभिन्न मजबूरियों की वजह से विद्यार्थी प्राइवेट पढ़ाई करता है। ऐसे में उसे वर्तमान संकट को देखते हुए परीक्षा देने के लिए विवश किया जाना उचित नहीं। शासकीय मान्यता में नियमित व स्वाध्यायी विद्यार्थी में कोई अंतर नहीं, दोनों को समान मान्यता एवं दोनों का समान महत्व है, तो फिर कुछ विद्यार्थियों को छूट प्रदान किया जाना और उनके ही समकक्ष दूसरे विद्यार्थियों की परीक्षा लेना कहॉं तक उचित है।
एक स्वाध्यायी परिक्षार्थी आशुतोष कुमार ने शासन से अनुरोध करते हुए मांग की है कि नियमित और स्वाध्यायी विद्यार्थियों में विभेद न करते हुए न्याय किया जाए। नियमित परीक्षार्थियों की तरह स्वाध्यायी परिक्षार्थियों को भी शासन के जनरल प्रमोशन का लाभ दिया जाए। समान कक्षा, समान परीक्षार्थी, समान पढ़ाई और समान कोरोनावायरस संकट, ऐसे में दो प्रकार का निर्णय जिसमें एक तरह के परीक्षार्थीयों को छूट मिले और दूसरे को कोरोना काल में परीक्षा देनी पड़े ये स्वाध्यायी परिक्षार्थियों के साथ अन्याय है। अतः शासन से अनुरोध है कि इस दिशा में उचित क़दम उठाते हुए स्वाध्यायी परिक्षार्थियों को भी नियमित परीक्षार्थियों के समान सुविधा प्रदान की जाए और उन्हें भी जनरल प्रमोशन का लाभ दिया जाए।

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