जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
शासन के नियम को धत्ता बताते हुए वन अधिकार पट्टा वितरण करने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने जनपद पंचायत के बाबू सुरेश कुमार जांगड़े पर रूपये लेकर पट्टा जारी करने का आरोप लगाया है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि जिनके द्वारा जांगड़े बाबू को चढ़ावा नहीं दिया गया है उनको आपात्र घोषित कर दिया गया। मामला है दर्रीडीह पंचायत के खलबोरा गांव का, खलबोरा गांव में बिरहोर सामुदाय के लोग निवास करते हैं इस सामुदाय के लिए तत्कालीन कलेक्टर भीम सिंह ने बिरहोर परिवार को गरीबी रेखा से उपर लाने के लिए बहुत सारी योजना लागू किया था, और अधिकारी-कर्मचारियों को निर्देशित किया था कि बिरहोर परिवार को गरीबी रेखा से उपर लाने के लिए सभी योजना को लागू करें, साथ कड़े शब्दों में अधिकारी-कर्मचारियों को निर्देश दिये थे कि योजना में किसी भी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार न हो, भ्रष्टाचार करने वालों पर कड़ी कार्यवाही किया जायेगा। हम आपको बात दे कि कलेक्टर भीम सिंह ने कार्य में लपरवाही बरतने के कारण सचिव को निलंबित किया था, एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को फटकार भी लगाये थे। कलेक्टर भीम सिंह के खलबोरा भ्रमण के दौरान बिरहोर परिवार की मांग पर अधिकारी-कर्मचारियों को वन अधिकार पट्टा जारी करने का आदेश दिया गया था। कलेक्टर द्वारा दिये गया निर्देश का गलत तारीके से लाभ लेने के लिए जनपद पंचायत में पदस्थ जांगड़े बाबू ने गैर आदिवासी सामुदाय के लोगों से मिली भगत कर नियम विरूद्ध वन अधिकार पट्टा जारी करवा दिया गया।
एक एकड़ का 10 हजार लाओ, पट्टा ले जाओ?
खलबोरा गांव में बिरहोर परिवार के साथ-साथ आदिवासी, गैर आदिवासी परिवर निवास करते हैं, 75 साल निवास करने वालों को शासन के नियमानुसार वन अधिकार पट्टा दिया जा सकता है लेकिन खलबोरा गांव में वन अधिकार पट्टा वितरण में खुलकर शासन के नियम की धज्जियां उड़ाई गई है। शासन के नियम को धत्ता बताते हुए गैर आदिवासी परिवार को वन अधिकार पट्टा जारी कर दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि जांगड़े बाबू को चढ़ावा देने वालों का पट्टा नियम विरूद्ध जारी किया गया है। तो वहीं जिनके द्वारा जांगड़े बाबू को रूपये देने में देर कर दिया या फिर नहीं दे पाया उनके फाईल में आपात्र लिख दिया गया। ग्रामीणों के बताये अनुसार 13 लोगों ने वन अधिकार पट्टा के लिए आवेदन किया था, लेकिन 13 में से 6 लोगों को वन अधिकार पट्टा जारी किया गया है और शेष लोगों को पट्टा नहीं दिया जा रहा है।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
खलबोरा गांव के कई लोगों ने कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत किया था कि 10 हजार रूपये एकड़ के हिसाब से रूपये लेने के बाद भी वन अधिकार पट्टा नहीं दिया गया। ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर रायगढ़ ने जांच टीम बनाया है। जांच टीम पूरी मामले की जांच कर कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपेंगे। लेकिन ग्रामीणों ने जांच टीम पर ही आरोप लगाया है कि जांच टीम द्वारा जनपद पंचायत के बाबू को बचाने के लिए ग्रामीणों पर दबाव बना रहे हैं।
* जांगड़े बाबू हम लोगों से 10 हजार रूपये एकड़ के हिसाब से रूपये की मांग किया था, हमारे द्वारा जांगड़े बाबू को रूपये दिया गया इसके बाद भी हम लोगों को पट्टा नहीं दिया जा रहा है और अब बोला रहे हैं कि तुम लोग आपात्र हो तुम लोगों को पट्टा नहीं मिलेगा। जबकि जांगड़े बाबू द्वारा जिन 6 लोगों को पट्टा जारी करवाया गया है वह लोग भी हम लोगों के साथ ही इस गांव में निवास कर रहे हैं। अगर वो लोग पात्र हैं तो फिर हम लोग कैसे में आपात्र हो गए।
सरस्वती यादव आपात्र हितग्राही
नियमानुसार वन अधिकार पट्टा वितरण करना था, खरबोरा गांव के कुछ लोगों ने शिकायत किया है कि वन अधिकार पट्टा के नाम पर रूपये की मांग की गई है, शिकायत पर एक जांच टीम बनाई गई है जांच टीम द्वारा जांच कर रिपोर्ट सौंपेगा, जांच में अगर गलत पाया जाता है तो नियमानुसार कार्यवाही किया जायेगा अगर रूपये लिया गया है तो उसकी वासूली किया जायेगा।
डिगेश पटेल, एसडीएम धरमजयगढ़
मेरे उपर लगाये गये आरोप निराधार है, मेरे द्वारा किसी से कोई रूपये नहीं लिया गया है, हां मेरे को गलत जानकारी देकर कुछ लोगों ने पट्टा जारी करवा लिया गया है। जैसे ही मुझे पता चल की गलत हो रहा है तो मैं बाकि 7 लोगों के आवेदन को आपात्र घोषित कर दिया हूं।*
सुरेश कुमार जांगड़े बाबू जनपद पंचायत धरमजयगढ़।