जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ विकास खण्ड के नावापारा पंचायत में एक से एक मामला सामने आ रहा है। इस पंचायत में शासकीय भूमि का खुलकर दुरूपयोग करने का मामला आये रहा है। चाहे शासकीय भूमि को लीज में लेकर बैंक को किराये में देने का मामला हो या फिर शासकीय भूमि पर लगे मोबाईल टावर का किराया निजी व्यक्ति द्वारा लेने का मामला हो ऐसा तो नावापारा पंचायत के लिए आम बात हो गया है। नावापारा में कॉम्प्लेक्स के पीछे मोबाईल के कई टावर लगे हैं। बताया जा रहा है कि इस मोबाईल टावर का किराया नावापारा का एक व्यवसायिक ले रहा है। सूत्रों से पता चला की मोबाईल टावर लगते समय मोबाईल कंपनी को निजी भूमि का नक्शा, खसरा दिया गया था और मोबाईल टावर को शासकीय भूमि पर लगाया गया, शासकीय भूमि पर लगने के बाद भी वर्षों से नावापारा का एक व्यक्ति मोबाईल कंपनी से हर माह किराया ले रहा है। लेकिन व्यवसायिक द्वारा लिए जा रहे अवैध तरीके के किराये पर ना तो पंचायत ने कभी आपत्ति की और ना ही स्थानीय प्रशासन ने। छाल तहसीदार को चाहिए कि ऐसे मामलों पर स्वयं संज्ञान लेकर राजस्व क्षति पहुंचाने वालों पर कड़ी कार्यवाही करें।
क्या कहते हैं पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव!
नावापारा पंचायत में लगे मोबाईल टावर के संबंध में हमारे द्वारा जब हल्का पटवारी से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि एक बार फिर से नाप करवा लेते हैं उसके बाद ही पता चल पायेगा मोबाईल टावर किस जमीन पर लगा है, ऐसा तो सूनने को मिला है कि शासकीय भूमि पर ही टावर लगे हैं और उसका किराया कोई अग्रवाल ले रहे हैं।
नारायण राठिया हल्का पटवारी
ग्राम पंचायत के उपसरपंच ने बताया कि मोबाईल टावर शासकीय भूमि पर है कि निजी भूमि पर ये बता पाना मुश्किल हो रहा है, हम लोगों द्वारा कई बार नाप किया गया है जब हम लोग नाप करवाते हैं तो मोबाईल टावर शासकीय भूमि पर लगा हुआ मिलता है। लेकिन जब सेठ अपना जमीन की नाप करवाते हैं तो मोबाईल टावर सेठ के निजी भूमि पर लगा हुआ मिलता है। इसलिए पंचायत इस मामले पर कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं।
दिलीप सारथी उपसरपंच ग्राम पंचायत नावापारा
इस संबंध में ग्राम पंचायत सचिव से बात करने पर बताया कि मैं अभी दो-तीन माह ही हुआ है इस पंचायत मेें आया हूं, इस संबंध में मेरे को पूरी तरह से जानकारी नहीं हैं, मैं पटवारी से जमीन का नाप करवा कर तहसीलदार साहब के पास प्रतिवेदन भेज दूंगा।
धीरेन्द्र गबेल सचिव ग्राम पंचायत नावापारा