जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ विकासखड के ग्राम भालूपखना में एक ऐसा गंभीर मामला सामने आया है। जिसमें करीब सौ साल के एक बुजुर्ग के खेत पर गाडिय़ां घुसा कर उस पर लगी फ सल को जबरन बर्बाद कर दिया गया, और जब उसने इस बात का विरोध किया तो उसे धमकी दी गई। बता दें कि धरमजयगढ़ के भालूपखना गांव में एक लघु जल विद्युत परियोजना प्रस्तावित है। मांड नदी पर 7.5 मेगावाट उत्पादन क्षमता की इस परियोजना का कार्य मेसर्स धनवादा पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। फिलहाल साइट पर नहर व अन्य निर्माण कार्य किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में कुल 25 खातेदारों की 2.971 हेक्टेयर निजी भूमि प्रभावित हो रही है। बीते शनिवार को हमने गांव के सरपंच पति के साथ उस क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान वहां पर अपने खेत में काम कर रहे किसान बीरबल से मुलाकात हुई। करीब सौ वर्ष की उम्र के इस किसान ने हमें बताया कि वहां पर उसकी करीब ढाई एकड़ जमीन है, जिसमें से 15 डिसमिल जमीन उस प्रोजेक्ट में प्रभावित हुई है। जिसका मुआवजा दिया गया है लेकिन उसकी बाकी जमीन जिस पर फसल लगी हुई है, उसमें कंपनी ने रास्ता बना दिया है और खेत में बड़ी वाहनों के चलने के कारण उनकी फसल बर्बाद हो गई है। सिर्फ यही नहीं, बीरबल ने बताया कि जब उन्होंने इस बात पर एतराज जताया तो कंपनी के आदमियों द्वारा उसे धमकाते हुए कहा गया कि तू एक अकेला वृद्ध हमारा क्या कर लेगा। इस तरह एक कंपनी द्वारा अन्नदाता कहे जाने वाले किसान के जीवन यापन के माध्यम को ही निशाना बनाया जा रहा है और गांव के मुखिया चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। इस दौरान वहां मौजूद सरपंच पति और पूर्व उपसरपंच ने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। इस तरह रसूख के बल पर धनवादा कंपनी एक अन्नदाता के मुंह से निवाला छीनने का काम कर रही है। अब देखना है कि प्रशासन कंपनी द्वारा एक बुर्जुग किसान का फसल को नुकसान पहुंंचाने वाली धनबादा कंपनी पर क्या कार्यवाही करती है?