रायगढ़, 05 अगस्त 2023। कोयला मंत्रालय ने कोल ब्लॉक ऑक्शन की 16 वीं और 17 वीं खेप मार्च के अंत में जारी की थी। इसमें 13 नए कोल ब्लॉक रायगढ़ के थे। रायगढ़ की शेरबंद माइंस के लिए सबसे ज्यादा सात कंपनियों ने बिड डाली थी। शुक्रवार को हुई नीलामी में शेरबंद को नीलकंठ कोल माइनिंग प्रालि ने 34.50 प्रश सर्वाधिक बोली लगाकर हासिल किया है। रायगढ़ जिले में कोयला खदानों की संख्या बढ़ती जा रही है। तमनार, घरघोड़ा, धरमजयगढ़ और खरसिया तहसील में एक के बाद एक नए कोल ब्लॉक आवंटित किए जा रहे हैं। बिजली की लगातार बढ़ रही मांग को पूरा करने के लिए सबसे बड़ा स्रोत कोयला ही है। इसलिए लगातार नए कोल ब्लॉकों की नीलामी हो रही है। कोयले की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कमर्शियल माइनिंग कराई जा रही है। मार्च अंत में कोयला मंत्रालय ने देश के 106 नए कोल माइंस की सूची जारी की थी। सूची में छत्तीसगढ़ से करीब 24 ब्लॉक्स को शामिल किया गया था। इसमें रायगढ़ जिले से ही 13 कोल ब्लॉक्स थे। बिडर्स की सूची जारी की गई जिसमें रायगढ़ की केवल तीन खदानों शेरबंद, फतेहपुर साउथ और वेस्ट ऑफ बायसी के लिए ही कंपनियों ने रुचि दिखाई थी। शेरबंद के लिए सबसे अधिक सात कंपनियों ने बिड डाली थी। शुक्रवार को ई-ऑक्शन हुआ। इसमें नीलकंठ कोल माइनिंग प्रालि ने 34.50 प्रश की सर्वाधिक बिड डाली। इसके साथ ही 90 मिलियन टन कोयला भंडार वाला ब्लॉक कंपनी को मिल गया है। यह कंपनी की छग में पहली माइंस है।
नलवा ने भी डाली थी बिड
धरमजयगढ़ से पांच किमी दक्षिण में स्थित शेरबंद कोल ब्लॉक को नीलकंठ कोल माइनिंग प्रालि ने हासिल कर लिया है। नलवा स्टील एंड पावर ने भी माइंस के लिए बिडिंग की थी। नीलकंठ कोल माइनिंग कंपनी अहमदाबाद में रजिस्टर्ड है। इसके डायरेक्टर जगदीश शिवजी ढोलू और विनेश शिवजी ढोलू हैं। बताया जा रहा है कि कंपनी ओडिशा में खनन प्रोजेक्ट में सक्रिय है। फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि इस कंपनी के पीछे किस बड़े उद्योग समूह का सपोर्ट है क्योंकि नीलकंठ कोल माइनिंग 2020 में अस्तित्व में आई हैं।