जोहार छत्तीसगढ़ -धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ के दमास में प्रस्तावित एक लघु जल विद्युत परियोजना को लेकर स्थानीय प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसमें प्रभावित किसानों की निजी जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया के बिना ही परियोजना का काम शुरू कर दिया गया है। इस मामले को लेकर धरमजयगढ़ एसडीएम ने पहले कहा था कि संबंधित कंपनी निजी जमीनों का क्रय करेगी। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि भू अर्जन अधिनियम का पालन किए बिना किसी भी प्राइवेट प्रोजेक्ट की स्थापना नहीं हो सकती है। धरमजयगढ़ तहसील के दमास में मलका रिन्यूएबल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा 8 मेगावाट का लघु जल विद्युत परियोजना का क्रियान्वयन प्रस्तावित है। इस मामले पर अपनी पिछली रिपोर्ट में हमने बताया था कि किस तरह से प्रभावित किसानों के हितों की अनदेखी कर इस प्रोजेक्ट का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही इस बात को भी रेखांकित किया गया था कि मलका कंपनी के महाप्रबंधक द्वारा कथित तौर पर जमीन अधिग्रहण की बात तो कही जा रही है लेकिन इसके विपरीत कंपनी द्वारा एक प्रभावित किसान की जमीन क्रय की गई है। इस तरह मलका कंपनी द्वारा भू अर्जन अधिनियम का उल्लंघन कर परियोजना का काम शुरु कर दिया गया और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बनी रही। अब इस मामले को लेकर ऐसे तथ्य सामने आए हैं जिनसे पता चलता है कि इस प्रोजेक्ट के लिए भू अधिग्रहण के नियमों को धता बताते हुए जिम्मेदार प्रभावित किसानों के हितों को जानबूझकर नजरअंदाज करते रहे। किसी भी परियोजना के लिए प्रभावित निजी भूमि के उपयोग के लिए भू अर्जन अधिनियम के तहत अधिग्रहण की प्रक्रिया का पालन अनिवार्य होता है। जिसमें भू अर्जन अधिनियम की धारा 4(1) के अधीन अधिसूचना जो निर्दिष्ट भूमियों के अर्जन के लिये सरकार का अभिप्राय घोषित करती है और प्रभावित भू स्वामियों से आपत्तियाँ माँगती है। वहीं, अधिनियम की धारा 6 जो उनके विरूद्ध आपत्तियों पर विचार करने के पश्चात भूमि के अर्जन की अधिसूचना देती है, जो राजकीय गजट तथा दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाती है। जिसके बाद धारा 11 का प्रकाशन व अवार्ड पारित करने की कार्यवाही की जाती है। इसका उद्देश्य पारदर्शिता के साथ प्रभावित किसानों को उचित प्रतिकर प्रदान करना होता है लेकिन दमास में प्रस्तावित जल विद्युत परियोजना के लिए इन नियमों के पालन बिना ही प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है। बता दें कि भू अर्जन की प्रक्रिया सुनिश्चित करना राजस्व विभाग की जिम्मेदारी होती है। इसके अलावा इस मामले में पांचवीं अनुसूची में शामिल क्षेत्रों के लिए निर्धारित उपबन्धों व पेसा कानून का खुला उल्लंघन किया गया। इस पूरे मामले में स्थानीय प्रशासन की गंभीर लापरवाही बरतने की बात सामने आ रही है क्योंकि इसी क्षेत्र में एक अन्य समान उत्पादन क्षमता के जल विद्युत परियोजना हेतु भू अर्जन की प्रक्रिया के तहत निजी जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
निजी भूमि का अधिग्रहण जरूरी- डिगेश पटेल
इस परियोजना के प्रभावित निजी भूमि के उपयोग हेतु निर्धारित नियमों को लेकर कंपनी और प्रशासन की बातों में तमाम विरोधाभासों के बीच अब धरमजयगढ़ एसडीएम डिगेश पटेल ने कहा है कि पांचवीं अनुसूची में शामिल धरमजयगढ़ क्षेत्र में किसी भी परियोजना की स्थापना के लिए भू अर्जन, पेसा व अन्य अधिनियमों का पालन अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इसके बिना प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन अवैध है। उन्होंने बताया कि संबंधित कंपनी को दस्तावेज पेश करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। एसडीएम ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और अधिनियम के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।