जोहार छत्तीसगढ़-लैलूंगा। विकास खण्ड मुख्यालय से चंद किलोमीटर की दूरी पर बस ग्राम पंचायत सुबरा के ग्रामीणों को आज भी मुलभूत सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार विकास की बड़ी-बड़ी डिंगे हांकते रहते हैं कि छत्तीसगढ़ में तेजी से विकास हो रहा है। लेकिन विकास की हकीकत जानना हो तो लैलूंगा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत सुबरा में जाकर देख सकते हैं। विकास के नाम पर एक गांव को दूसरे गांव में जोडऩे के लिए 75 साल बाद भी ग्रामीणों को एक छोटा पुलिया का सौगात नहीं मिल पाया है। सबसे बड़ी विड़बना है कि लैलूंगा विधायक चक्रधर सिंह सिदार के गृह ग्राम को जोडऩे वाला पुलिया को विधायक अपने कार्यकाल में नहीं बनवा पाये हैं। हम आपको बात दे कि ग्राम पंचायत सुबरा के अश्रित ग्राम कटंगपारा से सलिहापारा और विधायक के गृह ग्राम को जोडऩे वाली एक मात्र रास्ता है। जिसमें से होकर सुबरा, कटंगपारा के बच्चे हाई स्कूल कटकलिया जाते हैं। लोगों ने बताये कि नाले में पुलिया नहीं होने से ग्रामीणों को तो परेशानी होती है, लेकिन बरसात के दिनों स्कूली बच्चों को भारी परेशानी का समाना करना पड़ता है। ग्रामीणों द्वारा नाले में पुलिया बन जाये इसके लिए राज नेताओं के चौखट में खूब ड्यूटी लगाई और बार-बार गुहार लगाई कि महोदय हमारे गांव के नाले में एक छोटा से पुलिया बना दीजिए लेकिन गांव वालों की गुहार भ्रष्ट राजनेताओं के कानों तक नहीं पहुंची, ग्रामीणों ने थक हारकर नाले में चलने लायक लकड़ी से एक पुलिया का निर्माण किया। देशी जुगाड़ लकड़ी के बनाये गये पुलिया से ग्रामीण आना जाना करते हैं।
मुख्यमंत्री के घोषणा का कोई असर नहीं
हम आपको बता दे कि लैलंूगा में मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में लैलूंगा विधायक चक्रधर सिंह सिदार ने मांग किया था कि कटंगपारा के नाले में पुलिया नहीं होने से बरसात के दिनों में भारी परेशानी होता है कई गांव के लोग एक दूसरे से सपंर्क कर नहीं पाते हैं स्कूली बच्चे स्कूल नहीं आ पाते हंै इस नाले में एक पुलिया का निर्माण करवाया जाये, मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने भेंट मुलाकात के मंच से घोषणा भी किया था। कि जल्द ही कटंगपारा के नाले में पुलिया का निर्माण हो जायेगा, पुलिया बन जाने से ग्रामीणों को किसी प्रकार का कोई परेशानी नहीं होगा। लेकिन मुख्यमंत्री का घोषणा एक बार फिर चुनावी घोषणा साबित हो रहा है।
विधायक की निष्कृयता से नाराज क्षेत्रवासी
पुलिया नहीं बनने के कारण किस-किस को कितनी परेशानी हो रही है और किसकी निष्कृयता के कारण आज तक ग्रामीणों को एक छोटा सा पुलिया की सौगात नहीं मिला इसके बारे में जानने के लिए जब हमने ग्रामीणों से चर्चा कि तो ग्रामीणों ने बताया कि पुलिया के लिए हम लोग किसके-किसके चौखट नहीं गये लेकिन किसी ने नहीं सूनी, 15 साल तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार रही और दो बार भाजपा के विधायक एक बार लैलूंगा विधायक सत्यानंद राठिया को मंत्री भी बनाया गया था। लेकिन मंत्री बनने के बाद भी हमारे लिए कुछ नहीं किया, सिर्फ अपने चमचेनुमा नेताओं के लिए काम किया। सोचा था कि 15 साल बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बना और हमारे पड़ोसी नेता जी विधायक बने हैं इस बार तो हम लोगों का दु:ख दर्द जरूर सुनेगा लेकिन विधायक चक्रधर सिंह सिदार भी वैसे ही निकले और इनके निष्कृयता के चलते हम लोगों को एक छोटा सा पुलिया तक नहीं बना पाये। ग्रामीणों ने बताया कि विधायक चक्रधर सिंह सिदार को सोचना चाहिए कि हर पांच साल में चुनाव होता है, क्षेत्र की जनता को विकास चाहिए विनास नहीं, चुनाव को अब बचा ही कितना दिन है इतने दिन में विधायक सिदार और क्या कर पायेगा अब तो जो करना है ओ तो क्षेत्र की जनता करेंगे और बता देंगे की जो क्षेत्र का विकास करेगा वही हमारा नेता बनेगा। ग्रामीणों की बातों से तो ऐसा लगता है कि विधायक चक्रधर सिदार की छूट्टी लगभग तय है।