जोहार छत्तीसगढ़-सीतापुर।
21 वीं सदी में भी ग्रामीणों को दूषित पानी पीने को मजबूर है बगनखीपारा के ग्रामीण, आज हम बात कर रहे हैं सरगुजा जिले के मैनपाट विकास खण्ड के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत सुपरगा के आश्रित मुहल्ला बगनखीपारा का, बगनखीपारा के ग्रामीणों को मुलभूत सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। आज भी ग्रामीण ढोढ़ी का दूषित पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं। हम आपको बता दे मामला छत्तीसगढ़ सरकार में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का विधानसभा क्षेत्र का है। ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक एवं खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से कई बार गुहार लगाई की एक हेण्ड पंप का व्यवस्था करवा दे ताकि ग्रामीणों को ढोढ़ी का दूषित पानी पीना न पढ़े। लेकिन ग्रामीणों की गुहार का असर मंत्री जी को नहीं पड़ा। जिसका नतीजा है कि ग्रामीण ढोढ़ी का दूषित पानी पीकर बीमार पडऩे को मजबूर हो रहे हैं। हमारे रिपोर्टर को बताये कि बगनखीपारा में मुलभूत सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है आने जाने के लिए सड़क तक नहीं है सड़क नहीं होने के कारण जब कोई बीमार पड़ जाये तो अस्पताल ले जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जीवन का आधार जल को माना गया है, अगर जल नहीं तो जीवन नहीं, मूलभूत सुविधाओं में बिजली, सड़क और पानी को रखा गया है, और इसकी सुविधा हर एक व्यक्ति को मिलनी चाहिए। परंतु शासन-प्रशासन की उदासीनता के चलते आज भी एक गांव जल जैसी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहा है। आपको बता दें कि ग्राम पंचायत सुपलगा के बंगनखीपारा में 20 परिवारों में तकरीबन 100 से ऊपर की संख्या में लोग निवास करते हैं, और वह पानी की सुविधा नहीं मिलने के कारण मजबूरी में नदी नालों के पानी को पीकर अपना जीवन चला रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बगनखीपारा में आज तक एक भी कुआं या बोरिंग शासन द्वारा नहीं खुदवाया गया है। जिससे ग्रामीणों के पानी की समस्या का हल किया जा सके। शासन -प्रशासन की उदासीनता के चलते आज भी यहां के ग्रामीण नदी नालों का गंदा पानी पीकर अपना जीवन गुजार रहे हैं, नदी नालों का दूषित पानी पीने के कारण यहां के ग्रामीण अक्सर बीमार हो जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने गांव में पानी की सुविधा के लिए कई बार सरपंच एवं अधिकारियों को कहा साथ ही उनका दावा है कि मंत्री तक भी उनकी बात पहुंचाई गई। परंतु ग्रामीणों के इतना प्रयास करने के बाद भी आज उनको पानी जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित रखा गया है। अब देखने वाली बात यह है कि शासन-प्रशासन की नींद कब खुलती है और इन लोगों को पानी की सुविधा कब प्राप्त होती। इसके साथ ही बगंनखीपारा में सड़क काफी खराब स्थिति में है। जैसे ही पानी गिरता है आवागमन पूर्ण रूप से बाधित हो जाता है। वाहनों को कच्ची सड़क पर चलाना काफ ी दूभर हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति की तबीयत खराब हो जाए तो ग्राम तक वाहन भी नहीं पहुंच सकता। जिससे व्यक्ति को तत्काल स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सके। अब देखने वाली बात यह है कि पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से तरसते ग्रामीणों को कब यह लाभ प्राप्त होगा और वह स्वच्छ जल पी सकेंगे।