बालाघाट । म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणर, जबलपुर के निर्देशानुसार एवं श्री अमरनाथ केशरवानी, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालाघाट के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालाघाट के कार्यालय में मॉ सरस्वती एवं महात्मा गांधी जी के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीपप्रज्वलित कर किया गया। सभी प्रकार के समझौता योग्य प्रकरणों के निराकरण हेतु दिनांक 11 जुलाई 2021 को जिला न्यायालय बालाघाट एवं तहसील न्यायालय वारासिवनी, बैहर, कटंगी एवं लांजी में भी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया ।
लोक अदालत के आयोजन के शुभारंभ के अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अमरनाथ केशरवानी, श्री राजाराम भारतीय, विशेष न्यायाधीश, जिला न्यायाधीश/सचिव श्री आशीष कुमार शुक्ला सहित समस्त न्यायाधीशगण, जिला कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सोमनाथ राय एवं समस्त न्यायाधीशगण, लीड बैंक मैनेजर, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री दीनेन्द्र सोनवाने, नगर पुलिस अधीक्षक श्री कर्णिक श्रीवास्तव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गौतम सोलंकी सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए समस्त जिले की तहसीलों सहित न्यायाधीशों की 20 खण्डपीठों का गठन किया गया था।
जिल विधिक सेवा प्राधिकरण बालाघाट के सचिव श्रीमान आशीष कुमार शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि इस नेशनल लोक अदालत में 436 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें राशि 3235455 रू0 की राशि वसूली के रूप में प्राप्त हुई । उक्त प्रिलिटिगेषन प्रकरणों में से पुलिस परामर्ष केन्द्र के कुल 20 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें 40 व्यक्ति लाभांवित हुए। इसके साथ ही न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में से मोटर दुर्घटना दावा के 35 निराकृत प्रकरण में राशि रू0 9713000 के अवार्ड पारित किए गए तथा 109 दांडिक प्रकरण, वैवाहिक 33 प्रकरण, चेक बाउंस के 28 प्रकरण, जिसमें राशि 3738622 रूपये व्यवहार वाद 35 विद्युत प्रकरण 05 तथा 35 अन्य प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर किया गया। इस प्रकार कुल 281 न्यायालय में लंबित प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें समझौता राशि 13865753 रूपये के आवार्ड पारित हुए। जिनके माध्यम से कुल 747. व्यक्ति लाभांवित हुए हैं। जिसमें श्रीमान प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय द्वारा पति-पत्नी को दी गई समझाईश के फलस्वरूप दोनों पक्ष गिले-शिकवे भुलाकर साथ-साथ रहने का संकल्प कर साथ रहने हेतु हॅसी-खुशी रवाना हुए । इस लोक अदालत के सफल आयोजन में सभी न्यायिक अधिकारी, कर्मचारी व अधिवक्तागण का सहयोग प्राप्त हुआ।