भोपाल । भोपाल सहित देश के 13 एयरपोर्ट के निजीकरण के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी बोर्ड द्वारा टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश के बाद निजीकरण का विरोध तेज हो गया है। एयरपोर्ट के अधिकारी-कर्मचारी इसके विरोध में कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। इनका नेतृत्व एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया एम्प्लाइज यूनियन द्वारा किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि करीब तीन साल पहले इंदौर सहित 13 एयरपोर्ट के निजीकरण का प्रस्ताव तैयार किया गया था। तब से ही यूनियन द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। इसके विरोध में इंदौर में कई बार अधिकारी-कर्मचारी धरना, प्रदर्शन सहित हड़ताल भी कर चुके हैं। हाल ही में अथॉरिटी ने बोर्ड बैठक आयोजित कर 13 एयरपोर्ट के निजीकरण के तहत टेंडर प्रक्रिया शुरू जाने की मंजूरी दी है। इनमें इंदौर का नाम भी शामिल है। इसके बाद विरोध कर रही यूनियन ने कड़े कदम उठाने की तैयारी की है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया एम्प्लाइज यूनियन के सचिव रामस्वरूप यादव ने बताया कि यूनियन द्वारा शुरुआत से ही सरकार के इस फैसले का विरोध किया जा रहा है। विरोध का प्रमुख कारण यह है कि जो एयरपोर्ट फायदे में हैं उन्हें सरकार क्यों निजी हाथों में दे रही है। भोपाल सहित प्रमुख बड़े एयरपोर्ट कई सालों से अथॉरिटी को भारी लाभ पहुंचा रहे हैं। इसके बाद भी निजी कंपनियों को क्यों फायदा पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी यूनियन जयपुर, त्रिवेंद्रम और गुवाहाटी एयरपोर्ट के निजीकरण के विरोध में कोर्ट जा चुकी है।
प्रदेश सरकार से भी विरोध की अपील
चेन्नई एयरपोर्ट के निजीकरण के प्रस्ताव के बाद तमिलनाडु सरकार ने खुलकर विरोध किया है। इसके बाद यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में जा चुका है। इसी तरह यूनियन मध्यप्रदेश सरकार से भी निजीकरण का विरोध की मांग करेगी।
रोजगार जाएंगे…सुविधाएं भी महंगी होंगी
यादव ने बताया कि निजीकरण होने पर एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी-कर्मचारियों की नौकरी पर संकट छाएगा। इसके साथ ही निजी हाथों में जाने पर कंपनी मुनाफा कमाने के लिए सुविधाओं को महंगा करेगी। इसका असर यात्रियों की जेब पर पड़ेगा।