भोपाल । मध्यप्रदेश में बैकलॉग के खाली पद भरने के लिए चलाया जा रहा विशेष अभियान एक साल के लिए और बढाया जाएगा। इस वर्ग के पद 19 साल बाद भी नहीं भर पाए है। बता दें कि बैकलॉग के पद अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों से भरे जाते हैं लेकिन पदों के योग्य प्रत्याशियों के नहीं मिल पाने के कारण हर साल ये पद खाली रह जाते हैं और इस विशेष अभियान को आगे बढाना पड रहा है। जून 2021 में अभियान की अवधि समाप्त हो चुकी है। अब इसे एक साल और बढ़ाया जाएगा। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है, जिस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट में लिया जाएगा। इसमें बताया गया है कि कोरोना संक्रमण की वजह से नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित हुई है। विभाग ने बैकलॉग के रिक्त पदों की जानकारी भी सभी विभागों से मांगी है। प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति के बैकलॉग पदों को भरने के लिए सितंबर 2002 विशेष भर्ती अभियान चलाने का निर्णय लिया गया था। तब से ही इसकी अवधि प्रति वर्ष बढ़ाई जाती रही है। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में बैकलॉग की स्थिति को समाप्त करने के लिए सभी विभागों को रिक्त पदों पर भर्ती करने के निर्देश दिए गए थे। तब लगभग 18 हजार पद चिन्हित किए गए थे। विभागों ने कुछ पदों पर भर्ती भी की पर बड़ी संख्या में अभी भी पद रिक्त हैं। दरअसल, पात्रता अनुसार आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी नहीं मिलने की वजह से पद रिक्त रह जाते हैं। इन्हें अनारक्षित वर्ग से भी भरा नहीं जा सकता है इसलिए बैकलॉग की स्थिति बनी रहती है। इसे समाप्त करने के लिए विशेष भर्ती अभियान की अवधि एक वर्ष और बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूर्व से स्वीकृत पद होने की वजह से इन्हें भरने में शासन पर कोई नया वित्तीय भार भी नहीं आएगा। उधर, रिक्त पदों की स्थिति पता लगाने के लिए सभी विभागों से पिछले तीन साल में भरे और रिक्त पदों की जानकारी मांगी गई है। इसके आधार पर भर्ती की कार्ययोजना बनाई जाएगी। सूत्रों की माने तो प्रदेश में बैकलॉग सहित एक लाख से ज्यादा रिक्त हैं। लंबे समय तक भर्ती प्रक्रिया नहीं होने की वजह से रिक्त पदों की संख्या बढ़ी है। इसमें स्कूल शिक्षा, गृह और राजस्व विभागों में रिक्त पदों की संख्या अधिक है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने 2005 में पिछड़ा वर्ग को विशेष भर्ती अभियान में शामिल करने का निर्णय लिया था। इसके पहले पिछड़ा वर्ग के पद बैकलॉग में नहीं आते थे। इस वर्ग के लिए आरक्षित जो पद खाली रह जाते थे, उन्हें अनारक्षित घोषित करके भरा जाता था।