कोरबा जिले में छत्तीसगढ़ किसान सभा ने गेवरा ओपन कास्ट कोयला खदान परियोजना की क्षमता का विस्तार करने का कोयला मंत्रालय के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है तथा इसके खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाकर हजारों हस्ताक्षरों से युक्त एक ज्ञापन केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भिजवाया है।
उल्लेखनीय है कि कोयला मंत्रालय के इस प्रस्ताव पर पर्यावरण मंत्रालय द्वारा विचार-विमर्श किया जाना है। इस बैठक से पहले ही छत्तीसगढ़ किसान सभा की अगुआई में इस क्षेत्र के हजारों नागरिकों ने इसके विरोध में तैयार ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके अपना प्रतिवाद दर्ज कर दिया है। पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गेवरा परियोजना की क्षमता को 49 मिलियन टन से बढ़ाकर 70 मिलियन टन किये जाने के कोयला मंत्रालय के प्रस्ताव और इस हेतु वन व पर्यावरण विभाग द्वारा स्वीकृति दिए जाने पर विचार किया जाना है।
छत्तीसगढ़ किसान सभा के कोरबा जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सह सचिव दीपक साहू ने कहा है कि कोरबा जिला पहले से ही देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित जिलों में शामिल है। ऐसे में कोयला खनन विस्तार परियोजना से प्रदूषण और बढ़ेगा। इसके साथ ही कई गांवों के हजारों परिवारों को विस्थापित होना पड़ेगा, जबकि पुनर्वास और भू-विस्थापितों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के मामले में एसईसीएल का रिकॉर्ड बहुत ही खराब है। इसके अलावा कोल उत्पादन से मिलने वाले डीएमएफ फंड को, जो प्राथमिकता से प्रभावित क्षेत्र के लिए खर्च होना चाहिए, उसे भी अन्य क्षेत्र में खर्च किया जाता है, जिससे प्रभावितों को कोई लाभ नहीं होता। इसलिए गेवरा खदान के विस्तार प्रस्ताव को निरस्त किया जाना चाहिए।हस्ताक्षर अभियान कराने में रामायण सिंह कंवर, किसन जायसवाल, जनपद सदस्य दुर्गा प्रसाद पाटले, सुराज सिंह, पूना राम पटेल, जय कौशिक, संजय यादव आदि शामिल हुए।