इन्दौर । विधानसभा क्षेत्र क्र. 2 की विभिन्न बस्तियों के बिजली उपभोक्तओं को इस बार मिले बिलों ने तगड़ा करंट दिया है। आज क्षेत्र के सभी प्रमुख भाजपा नेताओं ने विधायक रमेश मेंदोला के निर्देश पर नगर महामंत्री गणेश गोयल के साथ पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सीएमडी अमितसिंह तोमर को जब इन अनाप-शनाप बिजली बिलों की प्रतियां सौंपी। सीएमडी तोमर ने आश्वस्त किया कि इतनी राशि के बिलों की जांच करवाएंगे और यदि पुराने बिलों में बिना रीडिंग के अनाप-शनाप राशि दर्ज की गई है तो उसे ठीक करेंगे।
भाजपा के नगर महामंत्री गणेश गोयल ने आज सीएमडी तोमर को विधानसभा क्षेत्र क्र. 2 के निरंजनपुर, लाहिया कालोनी, शिवकंठ नगर, किंग्स पार्क, न्यू गायत्री नगर, बापू गांधी नगर, राम नगर सहित करीब 20 बस्तियों के उपभोक्ताओं को मिले 300 से अधिक बिल सौंपे और उन्हें बताया कि इन सभी बस्तियों के उपभोक्ताओं को फरवरी एवं मार्च माह में अधिकतम 200-250 रू. के बिल मिले थे लेकिन लाकडाउन के चलते विद्युत मंडल के रीडर्स ने बिना मीटर रीडिंग लिए मनमाने बिल बनाकर भेज दिए हैं। फलस्वरूप इन उपभोक्ताओं को माह मई-जून के लिए 10 से 12 हजार रू. तक के बिल पहंुचा दिए गए हैं। इसके कारण उपभोक्ता बुरी तरह बैचेन होकर नेताओं एवं बिजली दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। विधायक रमेश मेंदोला को भी प्रतिदिन अनेक उपभोक्ता आकर अपनी इस पीड़ा से अवगत करा रहे हैं।
आज विधायक मेंदोला के निर्देश पर क्षेत्र के सभी पूर्व पार्षद विद्युत मंडल के मुख्यालय पहुंचे और उपभोक्ताओं की इस समस्या के विरोध में पुरजोर आवाज उठाई। गणेश गोयल के साथ पूर्व पार्षद मुन्नालाल यादव, राजेंद्र राठौड़, चंदूराव शिंदे, सुरेश कुरवाडे, सुधीर कोल्हे, राजकपूर सुनहरे, पूजा पाटीदार, सरोज चौहान, मुकेश कैरो, विद्युत मंडल सलाहकार समिति के सदस्य बालमुकुंद सोनी, भाजपा के मंडल अध्यक्ष सतपाल सिंह खालसा, श्रीकांत दुबे, राहुल चैकसे, राजकुमार मालवीय एवं विष्णु परमार, राधा राठौड़, शिव गोगडे, मनीष दुबे तथा धनराज राय सहित अनेक बस्तियों के उपभोक्ता भी विद्युत मंडल मुख्यालय पहंुचे थे। सीएमडी तोमर ने सभी शिकायतें सुनकर आश्वस्त किया कि इन बड़े हुए बिलों की जांच कराई जाएगी और यदि विद्युत मंडल की गलती हुई है तो उसे ठीक करा लिया जाएगा। नेताओं ने उनसे वार्ड स्तर पर जांच का आग्रह भी किया और यह भी बताया कि अनेक उपभोक्ताओं के कनेक्शन बिल भुगतान के अभाव में काट दिए गए हैं जिन्हें फिर से जोड़ा जाए। जब तक इन बिलों की जांच नहीं होती, उपभोक्ता इन बिलों का भुगतान नहीं करेंगे।