बिलासपुर । कोरोना की भयावह द्वितीय लहर की मार के बाद अब लोग जहां कोरोना से थोड़ी राहत की सांस ले रहे है है वही अब कोरोना के पश्चात् होने वाली ब्लैक फंगस से भयभीत और ग्रसित हो रहे है , तथा प्रतिदिन ऐसे ही मरीज काला फंगस की तकलीफ लेकर सिम्स आ रहे है।
ऐसे ही ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीज केशव प्रसाद (बदला हुआ नाम ) उम्र 51 वर्ष पुरुष अनूपपुर निवासी दांतो की तकलीफ लेकर मरीज हमारे यहाँ सिम्स में आया था, उसके ऊपरी जबड़ा तथा दाँतों में दर्द था एवं सभी दाँत हिल रहे थे, साथ ही मसूढ़ों से मवाद भी आ रहा था। नेजल बाईओप्सी से डायग्नोसिस में म्यूकोर माइकोसिसआया, यानि की ब्लैक फंगस। उसके बाद सी टी स्कैन एवं एम आर आई कराने के बाद पता चला कि मरीज के ऊपरी जबड़ा एवं सारे दाँत खऱाब हो चुके है और दोनों तरफ के साइनस में भी काला फंगस हो गया है । इसके बाद मरीज के ऑपरेशन की प्रक्रिया सिम्स के दन्त रोग विभाग एवं नाक कान एवं गला रोग विभाग द्वारा की गयी और 26 जून 2021 को ऑपरेशन किया गया । इस ऑपरेशन में नाक, कान एवं गला रोग विभाग के द्वारा फंक्शनल इंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी की गई, जिसमे चहरे की सभी साइनस की सफाई की गई। दन्त रोग विभाग द्वारा ऊपर के जबड़े के सारे दांतो के साथ ऊपर का जबड़ा और तालु का पुरा हिस्सा जो ब्लैक फंगस से ग्रसित था, उसे निकाल दिया गया । इस ऑपरेशन में तीन घंटे का समय लगा ।
उपरोक्त ऑपरेशन दन्त रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप प्रकाश के साथ डॉ. प्रकाश ख्ररे , डॉ केतकी कीनीकर, डॉ हेमलता राजमणि, डॉ सोनल पटेल एवं नाक कान एवं गला रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आरती पाण्डे , डॉ विद्या भूषण, डॉ श्वेता मित्तल तथा निश्चेतना विभाग के डॉ.भावना रायजादा एवम टीम और समस्त ओ टी स्टाफ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया । सिम्स के दन्त रोग विभाग एवम अन्य विभागों की डाक्टरों की टीम ने काला फंगस का सफल ऑपरेशन करके एक बार फिर अपनी बेहतर चिकित्सा का प्रदर्शन किया है।
सतर्क होकर सही समय पर जांच और इलाज कराएं
ब्लैक फंगस के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए सिम्स के दन्त रोग विभागाध्यक्ष डॉ.संदीप प्रकाश के द्वारा बताया दन्त रोग विभाग द्वारा यह ब्लैक फंगस का तीसरा सफल ऑपरेशन है। ये फंगल इन्फेक्शन आमतौर पर साइनस, ऊपरी जबड़ा, मस्तिष्क या फेफड़ो को ग्रसित करता है । अत: कोरोना बीमारी होने के पश्चात् अगर चेहरे में सूजन ,आँखों में लालिमा या सूजन ,सिरदर्द ,दांतो में दर्द या दांत हिलने पर तुरंत चिकित्सक को संपर्क कर जाँच कराए । अगर काला फंगस के शुरूआती लक्षण में ही इलाज कर दिया जाये, तो मरीज को इस जानलेवा बीमारी से बचाया जा सकता है। अंतत: हमे इस नए बीमारी ब्लैक फंगस से भयभीत न होते हुए सतर्क होकर सही समय पर जांच और इलाज कराकर इस जंग को भी जीतना है ।