भोपाल । राजधानी में सब्जियों की आवक कम होने से दाम आसमान छू रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान लोगों को उम्मीद थी कि अनलॉक होने के बाद सब्जियों के दाम घटेंगे लेकिन अब भी भावों कोई कमी नहीं आई है। सब्जियों के जो भाव लॉकडाउन में थे वही भाव अनलॉक में भी है। राजधानी के अनलॉक से सब्जियों की 15 से 20 फीसद आवक बढ़ गई है इसके बावजूद सब्जियों के भाव में कोई कमी नहीं आ रही है। हरी मिर्ची अब भी तीखी बनी हुई है। यह लॉकडाउन में फुटकर में 60 से 80 रुपये प्रतिकिलो बिक रही थी। अब भी यही दाम हैं। वहीं गिलकी, भिंडी लॉकडाउन में 40 रुपये प्रतिकिलो बिक रही थी। अब भी इतने की ही बिक रही है। इसी तरह अरबी, परवल, गवारफली, पालक, कटहल 50 से 60 रुपये प्रतिकिलो फुटकर में लोगों को खरीदना पड़ रहा है, जो लॉकडाउन में भी इसी भाव मिल रहे थे।अनलॉक में आवक बढ़ने से टमाटर जरूर सस्ता हुआ है। 40 से 60 रुपये मिलने वाला टमाटर फुटकर में 15 से 20 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है और आलू के भाव में कोई अंतर नहीं आया है। लॉकडाउन में भी 20 रुपये प्रतिकिलो फुटकर में आलू बिक रहा था।
अब भी यही भाव मिल रहा है। सब्जियों के थोक व्यापारी अर्जुन खटीक ने बताया कि लॉकडाउन से करोंद सब्जी बंद है। व्यापारियों की मांग के बावजूद भी शनिवार तक सब्जी मंडी खोलने के लिए प्रशासन की अनुमति नहीं मिली है। बिट्टन मार्केट हाट बाजार व्यापारी संघ के अध्यक्ष हरिओम खटीक ने बताया कि करोंद मंडी बंद होने से न लॉकडाउन के समय सब्जियों की खपत का अंदाजा लग पाया और न ही अनलॉक में लग पा रहा है। पहले 10 हजार क्विंटल आलू की खपत भोपाल व आसपास के जिलों में होती थी। अब भोपल में करीब 3500 क्विंटल आलू, 2500 क्विंटल प्याज और 1000 क्विंटल टमाटर व 3500 से 4000 क्विंटल तक रोजाना हरी सब्जियों की खपत हो पा रही है। सब्जियों की गाड़ियां ईंटखेड़ी, इस्लाम नगर, मिसरोद बायपास, भदभदा सहित अन्य बायपास पर आ रही हैं, इसलिए सही खपत का आकलन नहीं लग पा रहा है। डीजल के दाम बढ़ने से लोडिंग वाहन वाले भाड़ा अधिक ले रहे हैं, इसलिए फुटकर में महंगी सब्जियां मिल रही हैं।
अनलॉक में करोंद सब्जी मंडी नहीं खुलने से सब्जियों की सप्लाई व्यवस्था पटरी पर नहीं आई है। किसान सीहोर, विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद सहित अन्य आसपास के इलाकों से आते हैं और बायपास पर व्यापारियों को सब्जियां बेचकर चले जाते हैं। बायपास से शहर के अलग-अलग इलाकों तक लाने के लिए फुटकर सब्जी विक्रेताओं को भाड़ा देना पड़ता है। डीजल के दाम 95 रुपये से पार होने से भाड़ा बढ़ गया है। ऐसे में अनलॉक में राजधानी के आसपास के जिलों से सब्जियां तो आ रही हैं, लेकिन भाव कम नहीं हो पा रहे हैं। शहरवासियों को लॉकडाउन की तरह ही अनलॉक में भी महंगी सब्जियां मिल रही हैं।