इन्दौर । महिला एवं बाल विकास विभाग इन्दौर के अधिकारी-कर्मचारियों के दल ने गुरूवार को इन्दौर शहर में एक बालिका का विवाह रूकवाने में सफलता प्राप्त की। विभाग के परियोजना अधिकारी श्री राजेन्द्र कुमार मण्डलोई ने बताया कि उन्हें गुरूवार शाम 7 बजे चाइल्ड लाइन से फोन पर जानकारी मिली कि एक 17 वर्षीय बालिका का विवाह उसके परिवारजन बालिका की इच्छा के विरूद्ध करवाना चाह रहे है, जिस पर उन्होंने विभाग की सुपरवाइजर श्रीमती उषा शर्मा को क्षेत्र की कार्यकर्ता व सहायिका के साथ मौके पर जाकर विवाह रूकवाने के निर्देश दिए। सुपरवाइजर श्रीमती शर्मा ने इन्दौर शहर के स्कीम नम्बर 78 में स्थित बालिका के घर पहुंचकर परिवारजनों को समझाइश दी कि 18 वर्ष से कम आयु में बालिका का विवाह कराना कानूनन अपराध है तथा बालिका की आगे पढ़ने की इच्छा है, तो उसकी पढ़ाई पूरी करायें और उसके बाद ही विवाह कराये। श्रीमती शर्मा की समझाइश पर बालिका के परिवारजन इस बात के लिए तैयार हो गए कि अब वे अपनी बेटी का विवाह 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद तथा उसकी पढ़ाई पूरी कराने के पश्चात ही करेंगे। बालिका के माता पिता ने इस संबंध में शपथ पत्र भी महिला बाल विकास विभाग के दल को दिया कि वे कम उम्र में बालिका का विवाह नहीं करेंगे।
बालिका से जब यह पूछा गया कि, उसे इतनी हिम्मत कहाँ से मिली कि अपने माँ बाप के इच्छा के बावजूद उसने बाल विवाह रूकवाने के लिए चाइल्ड लाइन के नम्बर पर फोन किया और विवाह रूकवाने में सफलता प्राप्त की, तो बालिका ने बताया कि वह हर माह किशोरी बालिका दिवस पर पास की आंगनवाड़ी जाती है जहां उसे बताया गया था कि बाल विवाह अपराध है और बाल विवाह या बच्चों के प्रति होने वाले अन्य अपराधों को रोकने के लिए चाइल्ड लाइन नम्बर 1098 पर फोन करने से मदद तत्काल मिल जाती है। इस जानकारी के आधार पर बालिका ने सही समय पर चाइल्ड लाइन को फोन कर अपना विवाह रूकवा लिया। बालिका ने कहा कि अब वह मन लगाकर पढ़ाई करेगी ताकि उसका भविष्य उज्जवल बन सके।