धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
धरमजयगढ़ विकास खण्ड के ग्राम पंचायत ठाकुरपोड़ी पंचायत में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार देखने को मिला ग्रामीणों के शिकायत पर अधिकारी कर्मचारी जांच तक नहीं करते हैं। जिसका नतीजा है कि ग्रामीणों को पीने के लिए स्वच्छ पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने बताये कि ग्राम पंचायत सचिव किसी का बात नहीं सुनते हैं अपने आप को सचिव संघ का नेता बोलते हैं। सचिवों का नेता होने के कारण ठाकुरपोड़ी पंचायत में मूलभूत सुविधा नहीं मिल रहा है। हम आपको बता दे कि ठाकुरपोड़ी पंचायत में प्रधानमंत्री आवास में भारी भ्रष्टाचार हुआ है जिसका नतीजा है कि हमारे टीम को ग्राम ठाकुरपोड़ी में एक भी प्रधानमंत्री आवास पूर्ण नहीं दिखा। हितग्राही सुखमेत ने बताये कि सचिव विजय लहरे आवास ठेकेदार है आप लोगों का आवास विजय जहरे बना कर देगा। और विजय लहरे बैंक में ले जाकर खाता से राशि निकलवा कर ले लेते थे ऐसा करते करते पूरी रकम 1 लाख 20 हजार ले लिया है और आवास बनाकर नहीं दे रहा है बोलने पर बोलता है कि जाओं मेरे नाम से रिपोर्ट दर्ज करवा दो मैं और नहीं बना सकता हंू। अब गरीब महिला क्या करें चूप चाप बैंठकर सचिव और आवास ठेकेदार को कोसते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही एक और मामला देखने को मिला हितग्राही जानकी इनका आवास तो भगवान भरोसे हो गया है कमर भर दिवाल बनाकर 65 हजार रूपये आवास ठेकेदार परसु कास्ते ने हितग्राही को बैंक में लाकर राशि निकाल लिए और आवास अधूरा पड़ा हुआ है।
पीने का पानी के लिए दिन भर लाईन लगाकर रखते हैं बर्तन
ठाकुरपोड़ी गांव में पानी के लिए ग्रामीण महिला सुबह से ही बर्तन बोर के पास लाईन लगाकर रखे रहते हैं कि कब पीने के लिए पानी मिले ग्रामीण महिलाओं ने बताये कि ऐसा हाल हर दिन होता है पीने के लिए जदोजहद करना पड़ता है। तब जाकर पीने का पानी मिलता है। सरपंच सचिव को कई बार ग्रामीणों ने समस्या बताये लेकिन इनके समस्या को सूनने का समय नहीं है। क्योंकि सचिव नेतागिरी करने में मस्त हैं तो ग्रामीणों का समस्या कैसे सुनेगा, नेता सचिव जो हैं?
कभी भी घट सकता है दुर्घटना
ठाकुपोड़ी ग्राम में एक बोर हैं जिसमें पानी के लिए पंप डाला गया है ताकि लोगों को पानी मिल सके लेकिन ये बोर में जो पंप को चालू बंद करने के लिए पैनल लगाया गया है, पैनल को जमीन पर रख दिया गया है ग्रामीणों ने खराब पैनल खोलकर चालू बंद करता है जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है। क्योंकि बच्चे भी सड़क किनारे खेलते रहते हैं लेकिन सचिव को फुर्सत नहीं है कि कोई दुर्घटना घटने से पहले 5-7 सौ रूपये खर्च कर पैनल को लगा दे। अब देखना है कि जनपद पंचायत अधिकारी इस विषय पर क्या कार्यवाही करते हैं? हम आपको आगे और बतायेंगे क्या-क्या भ्रष्टाचार किया है सरपंच-सचिव ने।