नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी से उठा साइक्लोन यास अब शांत हो रहा है। जब साइक्लोन का लैंडफॉल हुआ तो बंगाल और ओडिशा में काफी नुकसान हुआ, तेज़ बारिश और हवा की वजह से काफी चीज़ें तहस-नहस हो गईं। हालांकि, अभी ये साइक्लोन भले ही शांत हुआ है। गुरुवार को झारखंड, बिहार तक बारिश हो सकती है जो इसका ही इफैक्ट होगा। यास ने सबसे पहले ओडिशा के बालासोर में दस्तक दी थी, यहां जमकर बरसात हुई। ओडिशा के क्योंझर में पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है, साइक्लोन के कारण जगह-जगह पेड़ टूटे हैं और कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है। यहां गांवों में समुद्र का पानी घुस आया, लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। प्रशासन की ओर से लगातार रेस्क्यू-राहत बचाव का काम किया जा रहा है।
ओडिशा की सरकार ने साइक्लोन से प्रभावित 128 गांवों के लोगों के लिए 7 दिन के रिलीफ का ऐलान किया है। जिन बड़ी सड़कों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें जल्द से जल्द ठीक किया जा रहा है ताकि आवाजाही चलती रहे। वहीं, अब सड़कों के बाद बिजली को लेकर फोकस किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल के ईस्ट मिदनापुर में साइक्लोन यास के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई है। जबकि बुधवार को ही उसके साथ का व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है। बंगाल में अबतक यास की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई है, दो मौत तूफान आने से पहले ही मची हलचल से हुई थी। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दावा है कि साइक्लोन यास के कारण भारी नुकसान हुआ है, सीधे एक करोड़ लोग राज्य में इससे प्रभावित हुए हैं। ममता के मुताबिक, बंगाल में करीब 3 लाख घरों को साइक्लोन यास के कारण नुकसान हुआ है। साइक्लोन यास के कारण करीब 15 लाख लोगों को शेल्टर में रुकना पड़ रहा है। गौरतलब है कि साइक्लोन का असर भले ही कुछ हदतक बंगाल और ओडिशा में कम हुआ हो। लेकिन अभी इसका खतरा बना हुआ है। झारखंड, बिहार, यूपी के कुछ हिस्सों में साइक्लोन के असर की वजह से तेज़ बारिश और आंधी-तूफान जारी है।