भोपाल । नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जबलपुर के सिटी हॉस्पिटल संचालक के बेटे पर एफआइआर की तैयारी चल रही है। सिटी हॉस्पिटल संचालक मोखा के बेटे हरकरण पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। नकली इंजेक्शन सिटी हॉस्पिटल तक पहुंचाने में बिल्टी के लिए ट्रांसपोर्ट में जिस पहचान पत्र का उपयोग किया गया था उसकी व्यवस्था हरकरण ने की थी। उसकी तलाश में पुलिस टीमें अन्य राज्यों में भी दबिश दे रही हैं। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि हरकरण को जल्द पकड़ लिया जाएगा। उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। उधर इस प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सिटी हॉस्पिटल में नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी है। उक्त आशय के आदेश मंगलवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी किए गए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कुरारिया ने बताया कि सिटी हॉस्पिटल के संचालक समेत हॉस्पिटल प्रबंधन से जुड़े तमाम लोग न्यायिक हिरासत में हैं। अस्पताल में जिम्मेदार व्यक्ति न होने के कारण भर्ती मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सिटी हॉस्पिटल का निरीक्षण किया जहां 14 मरीज कोरोना संक्रमित तथा दो अन्य बीमारी के उपचार हेतु भर्ती मिले। निर्देश जारी किए गए हैं कि भर्ती मरीजों के उपचार में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए तथा नए मरीज भर्ती न किए जाएं। भर्ती मरीजों को असुविधा होने पर नर्सिंग होम अधिनियम व मप्र रूजोपचार एवं स्थापना अधिनियम 1973 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इधर, पुलिस की गिरफ्त में आई सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर मोखा की पत्नी जसमीत कौर तथा हॉस्पिटल की मैनेजर सोनिया खत्री से पूछताछ के लिए कोर्ट ने 20 मई शाम चार बजे तक पुलिस रिमांड स्वीकृत कर दी है। मोखा की संपत्ति राजसात करने की तैयारी की जा रही है। इधर, मंगलवार को सीएसपी अखिलेश गौर समेत एसआइटी के अन्य अधिकारियों ने जसमीत, सोनिया व देवेश से पूछताछ की। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह के सरगना व सपन जैन को प्रोडक्शन वारंट पर गुजरात से जबलपुर लाने की तैयारी की जा रही है। विदित हो कि छह मई की देर रात गुजरात पुलिस ने अधारताल के आशानगर से सपन जैन को गिरफ्तार किया था। नकली इंजेक्शन सिटी हॉस्पिटल तक पहुंचाने में सपन जैन की भूमिका सामने आई है। इस बारे में एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा का कहना है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में आरोपितों से पूछताछ में महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। आरोपितों ने नकली इंजेक्शन नष्ट कर साक्ष्य खत्म करने की साजिश की थी। गुजरात पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपितों को पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट पर जबलपुर लाया जाएगा।