भोपाल । मप्र के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के मापदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं। इस कारण एआईसीटीई नियमों का पालन नहीं करने पर कॉलेज और पॉलिटेक्निक के आगामी सत्र 2021-22 की सीटों में कटौती कर सकता है। कॉलेजों को अपनी कमियों की पूर्ति करने के लिए 30 जून तक समय दिया है। इस सत्र में एआईसीटीई राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक पर नियमों का पालन नहीं करने पर कार्यवाही करने की तैयारी में है।
प्रदेश में सागर, उज्जैन, रीवा, जबलपुर सहित 151 इंजीनियरिंग कॉलेज और 61 पॉलिटेक्निक संस्थान संचालित हैं। कॉलेज एवं पॉलिटेक्निक में एआईसीटीई के मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है, जबकि पिछले वर्ष भी एआईसीटीई ने सीटों में कटौती कर दी थी, लेकिन शासन ने एक साल में मापदंडों की पूर्ति का पत्र भेजकर सभी कालेज और पॉलिटेक्निक की सीटों को बचा लिया था। अभी तक वे अपनी खामियों को दूर नहीं कर पाए हैं, इसलिए एआईसीटीई ने पत्र जारी कर जारी करते हुए कहा है कि मापदंडों का पालन नहीं करने पर संस्थानों की कुल सीटों पर कटौती की जाएगी।
कॉलेजों को ऑनलाइन जानकारी भेजनी है
एआईसीटीई ने सभी सरकारी कॉलेज और पॉलिटेक्निक संस्थानों को 30 जून तक अपनी पूरी जानकारी ऑनलाइन तक देने के आदेश जारी किए हैं। अगर कॉलेज और पॉलिटेक्निक संस्थान समय रहते अपनी जानकारी एआईसीटीई तक नहीं भेजते हैं तो कॉलेज और पॉलीटेक्निक संस्थानों का आकस्मिक निरीक्षण कर उनकी सीटों में भारी कटौती करेगा।
20 से 30 फीसदी सीटें हो सकती हैं कम
इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक संस्थानों में 40 से 50 फीसदी पद खाली हैं। इसके अलावा क्लासरूम, लैब, उपकरण और स्टाफ रूम, कॉमन रूम और अधोसंरचना की कमियों को समय रहते पूरा नहीं किया गया, तो कॉलेजों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। सरकारी और गैर सरकारी कालेज और पॉलिटेक्निक संस्थान अपने मापदंडों को पूरा नहीं करते हैं, तो उनकी सीटों में दस से बीस फीसद तक कटौती की जाएगी।