नई दिल्ली । भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने कहा है कि अगर कड़े नियम अपनाएं जाएं तो कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बचा जा सकता है। केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के विजयराघवन ने कोरोना वायरस से ठीक होने वाले कई मरीजों में जानलेवा फंगल इन्फेक्शन म्यूकोरमाइसिस के मामलों को लेकर कहा कि इसकी निगरानी की जा रही है।
विजयराघवन ने कहा कि यदि हम मजबूत उपाय करते हैं, तो तीसरी लहर को आने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि स्थानीय स्तर पर राज्यों में, जिलों में और शहरों में हर जगह मार्गदर्शन कितना प्रभावी ढंग से लागू होता है। इससे पहले केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर अपरिहार्य है, हालांकि यह कब आएगी, इसका पूर्वानुमान नहीं जताया जा सकता है।
सरकार ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों में एक लाख से अधिक कोरोना वायरस के मरीज उपचाराधीन हैं। सरकार ने कहा कि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार उन राज्यों में शामिल हैं जहां दैनिक मामलों में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति दिख रही है। सरकार ने यह भी कहा कि 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड संक्रमण दर 15 प्रतिशत से अधिक है।
वहीं केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने पहले कहा था कि वायरस के उच्च स्तर के प्रसार को देखते हुए तीसरी लहर आना अनिवार्य है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तीसरी लहर कब आएगी और किस स्तर की होगी। उन्होंने कहा, हमें नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए।